
नोटबंदी के एक साल पूरे होने जा रहे हैं और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने इस अवसर पर नोटबंदी के खिलाफ बिहार के हर जिले में विशाल रैली निकालने का फैसला किया है. लालू ने कहा है कि आरजेडी इस प्रदेशव्यापी रैली के जरिए बिहारवासियों को मोदी सरकार के इस काले आदेश के दुष्प्रभाव के बारे में बताएगी.
लालू प्रसाद ने सोमवार को कहा, "8 नवंबर 2016 को केंद्र सरकार ने नोटबंदी का काला आदेश लागू कर देश की अर्थ व्यवस्था को चौपट कर दिया. आरजेडी उस दिन बिहार के हर जिले में रैली कर लोगों को याद दिलाएगी कि नोटबंदी के काले आदेश के परिणाम स्वरूप देश और देश की जनता को क्या-क्या खोना पड़ा और आगे इसके क्या-क्या दुष्प्रभाव आएंगे."
लालू ने आगे कहा, "पूरे देश में नोटबंदी के कारण किसान, मजदूर, छात्र, नौजवान, संगठित, असंगठित क्षेत्र के कामगार, घरेलू महिलाओं को बड़ी परेशानी उठानी पड़ी थी. लोगों को अपना काम धंधा को छोड़कर नोट बदलवाने के लिए लंबी-लंबी लाइनों में दिन-दिन भर खड़े रहना पड़ा था. कई लोगों ने तो लाइन में ही दम तोड़ दिया . देश का उद्योग धंधा इस आदेश से तहस नहस हो गया. हजारों कामगारों का रोजगार छूट गया. मजबूरन उन्हें नौकरी छोड़कर घर वापस लौटना पड़ा. नोटबंदी के आदेश के परिणाम से आप सब भली भांति वाकिफ हैं और आपको मालूम है कि इस आदेश से देश की जनता ने क्या खोया और क्या पाया. इस काले आदेश का पहला वर्षगांठ 8 नवम्बर को होने वाला है."
उन्होंने आगे कहा, "लोगों को अच्छी तरह याद है कि उन्हें इस काले आदेश का क्या खामियाजा भुगतना पड़ा. देश की अर्थव्यवस्था चौपट हुई, घरेलू सकल उत्पाद (GDP) का औसत गिर गया , बेरोजगारी बढ़ी, युवक रोजगार के लिए भटक रहे हैं, मंहगाई चरम सीमा पर पहुंच चुकी है, गरीब, किसान, मजदूर बेहाल हैं. दूसरी तरफ अडानी, अम्बानी और उनके जैसे पूंजिपतियों और बीजेपी के काले धन को सफेद किया गया. नोट बदलकर काले धन को सफेद कर बैंकों मे जमा किए गए. बैंकों की स्थिति चरमरा गई है. देश का हर नागरिक बेहाल है."
पटना से छपरा की ओर रवाना होने से पहले लालू ने कहा कि आरजेडी अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटेगी. आरजेडी ने निर्णय लिया है कि आगामी 8 नवम्बर को राज्य के हर जिले में आरजेडी की विशाल रैली होगी और लोगों को याद दिलाएगी की नोटबंदी के काले आदेश के परिणाम स्वरूप देश और देश के अवाम को क्या-क्या खोना पड़ा और आगे इसके क्या दूष्परिणाम आएंगे.