
बिहार में नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने नीतीश पर गंभीर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र में बीजेपी सरकार के गठन के बाद नीतीश कुमार ने नया विकल्प देने की बात की थी. तब उन्होंने संघ मुक्त भारत बनाने की बात कहते हुए महागठबंधन करने की बात कही थी. उन्होंने कहा कि इस्तीफे से पहले नीतीश से हमारी बात हुई थी कि बैठकर गलतफहमी दूर की जा सकती हैं. नीतीश ने कभी भी तेजस्वी से इस्तीफा नहीं मांगा था लेकिन उन्होंने पब्लिक में अपना पक्ष रख सफाई देने की बात जरूर कही थी.
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लालू यादव ने कहा कि तेजस्वी के इस्तीफे को लेकर काफी गलत फहमियां थी इसलिए हमनें सफाई नहीं दी और पहले ही बेनामी संपत्ति के मामले में हम सफाई दे चुके थे. जांच एजेंसी को सफाई देने का निर्णय हुआ था, किसी को सफाई देने की जरुरत नहीं थी. विधानमंडल भी तेजस्वी के साथ था. लालू ने नीतीश पर हमला करते हुए कहा कि इस्तीफा पूरा तरह सेट था. नीतीश पर भी 302 का मुकदमा दर्ज है और उनके खिलाफ संज्ञान लिया जा चुका है. देश का कोई भी मुख्यमंत्री नहीं है जिस पर हत्या का मुकदमा दर्ज हो. उन पर जो मुकदमा दर्ज है उसमें फांसी की सजा है.
आरजेडी चीफ लालू यादव ने कहा कि नीतीश पर दर्ज मुकदमे के बारे में हमें जानकारी थी. मेरे पास इस केस से सभी दस्तावेज मौजूद है. यह बयान मेरा नहीं है बल्कि उनके हलफनामे में इस मामले का जिक्र है, तो वह सीएम के पद पर कैसे बैठ थे. ईमानदारी और भ्रष्टाचार से बड़ा है अत्याचार और नीतीश कुमार उसी हत्या के आरोपी हैं. यही जीरो टोलरेंस पॉलिसी है मेरे छोटे भाई नीतीश कुमार की. उनको यह मालूम था कि अब इस मामले में हम बचने वाले नहीं है इसलिए उन्होंने तेजस्वी से इस्तीफा न मांगकर खुद इस्तीफा दे दिया.
प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए लालू ने कहा कि नीतीश बीजेपी से मिले हुए हैं और उनके इस्तीफे के बाद तुरंद पीएम मोदी ने ट्वीट कर बधाई दे दी. इस्तीफे देने जाने से पहले हमने उनसे मना भी किया लेकिन वह नहीं माने, हमें उनके इस्तीफा का दुख है. लालू ने कहा कि नीतीश से अपील करता हूं कि अगर उनके मन में सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ लड़ने की मंशा है तो आरजेडी-जेडीयू और कांग्रेस के विधायक नीतीश के अलावा कोई और नेता चुनें.
लालू यादव ने कहा कि उन्हें नीतीश के मंशा पर शक है. क्योंकि नोटबंदी से लेकर राष्ट्रपति चुनाव तक वह बीजेपी को समर्थन करते आए हैं. हमारी मांग है कि सभी दलों को विधायकों को बैठकर बिहार में नया नेता चुना जाए. उन्होंने कहा कि बिहार में राष्ट्रपति शासन हम भी नहीं चाहते, तेजस्वी-नीतीश के अलावा सरकार चलाने के लिए नया नेतृत्व चुना जाए और जनादेश का सम्मान किया जाए.