
शार्प शूटर मोहम्मद कैफ के साथ फोटो को लेकर निशाने पर आए बिहार के स्वास्थ्य मंत्री और लालू प्रसाद के बेटे तेज प्रताप यादव ने अब एक फोटो जारी कर प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी पर निशाना साधा है. तेज प्रताप ने कहा कि मेरा इस्तीफा मांगने वालों को पहले सेक्स रैकेट चलाने वाले टीनू जैन के साथ फोटो के लिए पीएम मोदी का इस्तीफा मांगना चाहिए.
तेज प्रताप बोले- सेक्स रैकेट चलाने वाले टीनू की पीएम तक पहुंच थी
तेज प्रताप ने टीनू जैन और प्रधानमंत्री की फोटो फेसबुक और ट्विटर पर शेयर की और लिखा कि टीनू जैन सेक्स रैकेट चलाता था और बीजेपी का सदस्य भी था. प्रधानमंत्री से लेकर हर बड़े नेता तक उसकी पहुंच थी.
बीजेपी की शह पर ही वो नमो ब्रिगेड आर्मी चला रहा था.
कैफ के साथ फोटो पर तेज प्रताप ने दी ये सफाई
इससे पहले जब पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के मामले में आरोपी मोहम्मद कैफ की एक तस्वीर मंगलवार को तेज प्रताप के साथ वायरल हुई थी तो लालू के बेटे ने सफाई दी थी कि उनके साथ हजारों लोग फोटो
खिंचवाते हैं, वो सब को तो नहीं जानते. इस तस्वीर में तेज प्रताप यादव को कैफ फूलों का गुलदस्ता देते हुए दिख रहा है. हालांकि यह पता नहीं चल पाया कि असल में ये तस्वीर कब की है.
शहाबुद्दीन के साथ दिखा शार्प शूटर
इससे पहले शनिवार को भागलपुर जेल से शहाबुद्दीन की रिहाई के समय जब पूर्व सांसद पत्रकारों से बात कर रहे थे तब तस्वीरों और वीडियो फुटेज में उनके पीछे कैफ को देखा गया था. इस साल मई में सीवान के
वरिष्ठ पत्रकार राजदेव रंजन की हुई हत्या के मामले में पुलिस को कैफ की तलाश है, लेकिन पुलिस उसे अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है.
शहाबुद्दीन के गांव तक आया शार्प शूटर
शहाबुद्दीन पर राजदेव का मर्डर कराने के आरोप लगे थे और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया था कि पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या कैफ उर्फ बंटी, लड्डन मियां, जिम्मी और जावेद ने मिलकर की थी. शार्प शूटर मोहम्मद
भागलपुर जेल शहाबुद्दीन को रिसीव करने आया था और उनके काफिले के साथ-साथ सीवान और शहाबुद्दीन के गांव प्रतापपुर भी गया था. सीवान के एसपी सौरभ कुमार शाह को जब तस्वीर दिखाई गई, तो उन्होंने माना
कि वह शार्प शूटर मोहम्मद कैफ उर्फ बंटी की तस्वीर है, जो भागलपुर से लगातार सीवान में शहाबुद्दीन के गांव तक काफिले के साथ-साथ था.