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संयुक्त समिति को सौंपा गया भूमि अधिग्रहण बिल

लोकसभा ने मंगलवार को भूमि अधिग्रहण विधेयक को संयुक्त समिति को भेजने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया. सरकार ने हालांकि कहा कि यह विधेयक किसानों के हित में है.

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aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 मई 2015,
  • अपडेटेड 12:31 AM IST

लोकसभा ने मंगलवार को भूमि अधिग्रहण बिल को संयुक्त समिति को भेजने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया. सरकार ने कहा कि यह विधेयक किसानों के हित में है.

लोकसभा में मंगलवार को इस बिल पर चर्चा का जवाब देते हुए ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री बीरेन्द्र सिंह ने यह प्रस्ताव रखा. इस समिति में लोकसभा के 20 सदस्य और राज्य सभा के 10 सदस्य होंगे. यह समिति मानसून सत्र के पहले दिन अपनी रिपोर्ट पेश करेगी.

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NDA ने की लैंड बिल की हत्या: राहुल
इससे पहले मंगलवार को सरकार को विवादास्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक पर लोक सभा में विपक्ष के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा. राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर यूपीए सरकार के भूमि कानून की ‘हत्या’ करने का आरोप लगाया, वहीं एनडीए की प्रमुख सहयोगियों शिवसेना और अकाली दल ने इसे संयुक्त समिति को भेजने की मांग की.

चर्चा का जवाब देते वक्त ग्रामीण विकास मंत्री बीरेन्द्र सिंह ने कहा कि इस पर हम पहले ही कह चुके हैं कि कुछ सुझाव आए, किसानों के हित की बात हो तब हमें कोई हर्ज नहीं है. लेकिन इस बिल में किसान विरोधी कुछ नहीं है. यह किसानों के हक में है.

सिंह ने इस दौरान अपनी टिप्पणी में गलती से माधव राव सिंधिया का नाम ले लिया. उन्होंने कहा कि आप (ज्योतिरादित्य) 10 लाख के सूट (मोदी की) बात करते हो. किसान और गरीब का बेटा अगर महंगा सूट पहनता है तब क्या गलत है. आप माधव राव सिंधिया से पूछो. इस पर ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने जबर्दस्त विरोध किया. कांग्रेस के सदस्य आसन के पास आ गए. इसकी वजह से डिप्टी स्पीकर एम थम्बीदुरई ने कुछ देर के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी. इस दौरान वेंकैया नायडू और एस एस आहलुवालिया को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को शांत कराते देखा गया.

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सदन में जमकर हुआ हंगामा
इस विषय पर हंगामे के कारण सदन की बैठक कुछ देर के लिए स्थगित भी करनी पड़ी थी. बाद में बीरेन्द्र सिंह ने सिंधिया से इस बात के लिए खेद प्रकट किया. चर्चा के दौरान कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, बीजद और वाममोर्चा ने सरकार की ओर से इस तरह से भूमि अधिग्रहण विधेयक लाने की पहल का विरोध किया.

संयुक्त समिति में लोकसभा के 20 सदस्यों में आनंद राव अडसूल, एस एस आहलुवालिया, कल्याण बनर्जी, आर के भारती मोहन, पी पी चौधरी, शोभा करंदलाजे, बी विनोद कुमार, मुरली मनोहर मांगती, भतृहरि माहताब, चिराग पासवान, नित्यानंद राय, रविन्द्र राय, कृष्णा राज, उदित राज, मोहम्मद सलीम, राजीव शंकरराव सातब, गणेश सिंह, अनुराज ठाकुर, के वी थामस और वी पी वेलागपल्ली शामिल हैं.

(इनपुट: भाषा)

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