
खूंखार आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हुए कॉलेज छात्र और फुटबॉल खिलाड़ी माजिद अरशिद खान की घर वापसी को मां के प्यार की जीत बताया जा रहा है, लेकिन इस पर लश्कर-ए-तैयबा ने अपना अलग ही राग अलापा है. फुटबॉल खिलाड़ी माजिद अरशिद खान की घर वापसी पर लश्कर-ए-तैयबा के सरगना महमूद शाह ने कहा कि माजिद को उसकी मां की अपील पर घर जाने की इजाजत दी गई है.
महमूद शाह ने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा ने कभी भी हिंसा या क्रूरता को बढ़ावा नहीं दिया. माजिद को घर जाने की इजाजत देना इसका सबूत है. लश्कर-ए-तैयबा के सरगना ने कहा कि कश्मीर की कथित आजादी के लिए सभी कुर्बानी दे रहे हैं. अगर कोई मां इस लड़ाई से अपने बेटे को वापस बुलाती है, तो हम उसके फैसले का सम्मान करते हैं.
लश्कर-ए-तैयबा के प्रवक्ता अब्दुल्ला गजनवी ने आरोप लगाया कि भारतीय सुरक्षा बलों ने माजिद अरशिद खान के परिवार वालों को धमकाया, जिसके चलते उसकी मां ने घर वापसी की अपील की. आतंकी संगठन ने धमकी दी कि अगर माजिद अरशिद खान पुलिस मुठभेड़ में मारा गया है, तो पुलिस अधिकारियों के बच्चों को भी गंभीर परिणाम भुगतना पड़ेगा.
अरशिद खान की वापसी से मां का प्यार जीत गया
वहीं, जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हफ्ता भर पहले लश्कर ए तैयबा में शामिल हुए फुटबॉल खिलाड़ी माजिद अरशिद खान की घर वापसी से मां का प्यार जीत गया. श्रीनगर में अधिकारियों ने बताया कि अरशिद बृहस्पतिवार रात दक्षिण कश्मीर में एक सुरक्षा शिविर में पहुंचा और उसने अपने हथियार के साथ आत्मसमर्पण कर दिया.
दोस्त के मारे जाने के बाद अपनाया था आतंक का रास्ता
शुक्रवार तड़के अरशिद खान को किसी अज्ञात स्थान पर ले जाया गया है. माना जा रहा है कि एक मुठभेड़ में अपने किसी घनिष्ठ दोस्त के मारे जाने के बाद वह आतंकवाद की राह पर चल पड़ा था. वह दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में अपनी स्थानीय फुटबॉल टीम में गोलकीपर था.
हिंसा का रास्ता अपनाने वालों का परिवार होता है प्रभावित
माजिद अरशिद खान की वापसी पर मुफ्ती ने ट्विटर किया कि एक मां का प्यार जीत गया. उसकी संवेदनशील अपील से एक होनहार फुटबॉल खिलाड़ी माजिद अरशिद खान की घर वापसी में मदद मिली. जब भी कोई किशोर हिंसा के रास्ते पर उतरता है, तो सबसे अधिक उसका परिवार प्रभावित होता है.
हिंसा का रास्ता छोड़ना आसान नहीं
मुफ्ती ने कहा कि वो उन युवकों की मनोदशा समझती हूं, जो भटककर आतंकवाद के रास्ते पर चले गए हैं. उनमें से ज्यादातर अनर्थक हिंसा की व्यर्थता समझते हैं और घर लौटर मर्यादा के साथ जीवन जीना चाहते हैं, लेकिन हिंसा छोड़ने का चुनाव आसान नहीं होता है. सामाजिक कलंक का डर उनके फैसले पर हावी रहता है.
पुलिस ने परिजनों पर बनाया था दबाव
पुलिस अरशिद खान की घर वापसी के लिए उस पर दबाव बनाने के लिए उसके दोस्तों और परिवार के सदस्यों के संपर्क में थी. उसने अपने माता-पिता और जम्मू कश्मीर पुलिस की अपील के बाद आत्मसमर्पण किया. उसके माता-पिता ने टेलीविजन और सोशल मीडिया पर जाकर उससे आत्मसमर्पण करने का आह्वान किया था. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उसकी मां रो रही है और उससे घर वापसी की अपील कर रही है.