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प्रदूषण पर HC ने जताई चिंता, कहा- गैस चैंबर में रहने जैसा है दिल्ली में रहना

दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के स्तर पर चिंता प्रकट की.

दिल्ली हाई कोर्ट की फाइल फोटो दिल्ली हाई कोर्ट की फाइल फोटो
स्‍वपनल सोनल
  • नई दिल्ली,
  • 03 दिसंबर 2015,
  • अपडेटेड 7:38 AM IST

दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के स्तर पर चिंता प्रकट की. इस दौरान अदालत ने टिप्पणी की कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण का वर्तमान स्तर चिंताजनक स्थिति तक पहुंच गया है और यह गैस चैंबर में रहने जैसा है.

अदालत ने केंद्र और दिल्ली सरकार को प्रदूषण के बढ़ते स्तर से निपटने के लिए विस्तृत कार्य योजनाएं पेश करने का निर्देश दिया है. जस्टि‍स बदर दुरेज अहमद और जस्टि‍स संजीव सचदेवा की बेंच ने पर्यावरण मंत्रालय और दिल्ली सरकार द्वारा दायर कार्य योजनाओं के बारे में कहा कि ये विस्तृत नहीं हैं, क्योंकि इनमें हर प्राधिकरण की स्पष्ट जिम्मेदारी और इन्हें करने के लिए समयसीमा नहीं है. बेंच ने उन्हें 21 दिसंबर को सुनवाई की अगली तारीख पर विस्तृत कार्य योजनाएं देने का निर्देश दिया है.

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धूल सुनिश्चित किए बगैर निर्माण नहीं
अदालत ने कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण के दो प्रमुख कारण धूलकण और वाहनों से निकलने वाला धुआं है. अदालत ने केंद्र और दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि पहले कम से कम धूल सुनिश्चित किए बगैर किसी इमारत या सड़क का निर्माण नहीं हो.

कोर्ट ने दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि नेशनल ग्रीन ट्रि‍ब्यूनल के निर्देश के मुताबिक, लोगों द्वारा खुले में कूड़ा और पत्तियां नहीं जलाई जाएं. बेंच ने शहर प्रशासन को पिंट्र, ऑडियो और विजुअल मीडिया के जरिए इस तरह के क्रियाकलापों पर प्रतिबंध के बारे में जानकारी देने का निर्देश दिया.

-इनपुट भाषा से

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