
दिल्ली की कड़कड़डूमा अदालत ने पूर्व रेल मंत्री एलएन मिश्रा हत्याकांड में सभी चार आरोपियों को दोषी करार दिया है. सभी दोषियों को 15 दिसंबर को सजा सुनाई जाएगी.
गौरतलब है कि 1975 में तत्कालीन रेल मंत्री ललित नारायण मिश्रा की हत्या कर दी गई थी. कोर्ट का यह फैसला 39 साल बाद आया है.
गौरतलब है कि जिला न्यायाधीश विनोद गोयल ने 12 सितंबर को इस सनसनीखेज हत्याकांड के मुकदमे की सुनवाई पूरी की थी. इस मुकदमे में अंतिम बहस सितंबर, 2012 में शुरू हुई थी. उन्होंने सीबीआई और चार अभियुक्तों के वकील की दलीलें सुनने के बाद फैसले के लिये 10 नवंबर की तारीख निर्धारित की थी.
बिहार के समस्तीपुर रेलवे स्टेशन पर दो जनवरी, 1975 को एक समारोह के दौरान बम विस्फोट हुआ था. तत्कालीन रेल मंत्री ललित नारायण मिश्र विस्फोट में बुरी तरह जख्मी हो गए थे और अगले दिन उनका निधन हो गया था. इस हत्याकांड की सुनवाई के दौरान अभियोजन के 161 गवाहों और बचाव पक्ष के 40 से अधिक गवाहों की गवाही हुई.
इस हत्याकांड में आनंद मार्ग समूह के चार सदस्यों के साथ ही उस वक्त 24 साल के रहे वकील रंजन द्विवेदी का भी आरोपी के रूप में नाम शामिल था. रंजन के अलावा इस मामले में संतोषानंद अवधूत, सुदेवानंद अवधूत और गोपालजी अभियुक्त हैं. एक अभियुक्त की मुकदमे की सुनवाई के दौरान ही मृत्यु हो गई थी.इन अभियुक्तों ने इस हत्याकांड में उनके खिलाफ चल रहा मुकदमा निरस्त करने के लिये सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने 17 अगस्त, 2012 को उनकी याचिका खारिज करते हुए कहा था कि 37 साल तक मुकदमे की सुनवाई पूरी नहीं हो सकने के आधार पर इसे खारिज नहीं किया जा सकता है.