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सड़कों पर बसों का घंटों इंतजार, ऐसे कैसे लागू होगा ऑड-इवन?

दिल्ली में ऑड इवन का तीसरा चरण, जिसे सोमवार से शुरू होना था वो भले ही टाल दिया गया है, लेकिन ये सवाल अभी भी कायम है कि क्या बिना पब्लिक ट्रांसपोर्ट को सुधारे ऑड इवन को लागू किया जाना ठीक होगा.

खचाखच भरी हुई दिल्ली की बस खचाखच भरी हुई दिल्ली की बस
रवीश पाल सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 14 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 7:34 AM IST

दिल्ली में ऑड इवन का तीसरा चरण, जिसे सोमवार से शुरू होना था वो भले ही टाल दिया गया है, लेकिन ये सवाल अभी भी कायम है कि क्या बिना पब्लिक ट्रांसपोर्ट को सुधारे ऑड इवन को लागू किया जाना ठीक होगा.

इसी सवाल का जवाब जानने के लिए हमारी आज तक की टीम दिल्ली की सड़कों पर निकली और बस स्टॉप पर अपनी-अपनी बस का इंतजार करते लोगों से इस मुद्दे पर उनकी राय जानी.

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NH-24 पर बस यात्र‍ियों का हाल

सबसे पहले हम पहुंचे NH-24 पर बने एक बस स्टॉप पर पहुंचे. सुबह का वक्त था लिहाजा बस स्टॉप पर दफ्तर जाने वालों की भीड़ थी. यहां से नई दिल्ली स्टेशन के पास अपने दफ्तर जाने वाली वंदना ने बताया कि वो 45 मिनट से बस का इंतजार कर रही हैं, लेकिन इस बीच सिर्फ 2 बसें ही यहां से गुजरी जिसमें भीड़ ज्यादा होने के कारण उन्हें बस छोड़नी पड़ी. वंदना के मुताबिक ये रोज की बात है. शनिवार को स्थिति और खराब होती है. जब कई बार घंटे भर से ज्यादा इंतजार के बाद बस मिलती है. हालांकि भीड़ कम होने से उसमें जगह मिल जाती है. वंदना के अलावा ओखला में काम करने वाले मदन भी काफी देर तक बस का इंतजार करते दिखे. उन्होंने बताया कि उन्हें घर से रोज जल्दी निकलना पड़ता है, ताकि वक्त पर दफ्तर पहुंच सकें. क्योंकि ओखला जाने के लिए उन्हें लम्बे वक्त तक बस स्टॉप पर ही इंतजार करना पड़ता है. 

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आईपी पावर हाउस बस स्टॉप पर

इसके बाद जब हम आईपी पावर हाउस बस स्टॉप पहुंचे तो बवाना में फैक्टरी में जाने के लिए सुरेश भी आधे घंटे से ज्यादा से बस का इंतजार करते मिले. सुरेश ने बताया कि वो आधे घंटे से बस स्टॉप पर बस का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन बस नहीं आई. अभी वो हमसे बात कर ही रहे थे कि तीव्र मुद्रिका सेवा बस आई, लेकिन सुरेश उसमें चढ़ नहीं पाए. क्योंकि बस पहले से ही ठस भरी हुई थी. सुरेश से पूछने पर उन्होंने बताया कि ऑड इवन लागू होने पर क्या स्थिति होगी वो यही सोच कर घबरा रहे थे. क्योंकि बसे पहले ही कम हैं और जो हैं उसमें जगह इतनी नहीं कि सफर किया जा सके तो ऑड इवन में लाखों लोगों की बढ़ी हुई भीड़ को बसों में कैसे सफर कराया जाएगा.

अब सवाल ये है कि जब लोग फिलहाल चल रही बसों की सेवा से ही सन्तुष्ट नहीं हैं तो फिर ऑड इवन के दौरान बढ़ने वाली भीड़ को सरकार कैसे संभालेगी.

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