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लखनऊ हिंसा पोस्टर मामले में सुनवाई पूरी, इलाहाबाद हाईकोर्ट कल सुनाएगा फैसला

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूछा कि किस नियम के तहत फोटो लगाए गए. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस गोविंद माथुर ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लिया है.

लखनऊ में लगे उपद्रवियों के पोस्टर पर हाई कोर्ट में हुई सुनवाई (फाइल फोटो) लखनऊ में लगे उपद्रवियों के पोस्टर पर हाई कोर्ट में हुई सुनवाई (फाइल फोटो)
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 08 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 6:27 PM IST

  • हिंसा करने वाले 53 उपद्रवियों के लगे पोस्टर
  • इलाहाबाद हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई पूरी

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में उपद्रवियों के पोस्टर लगाए जाने को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में रविवार को सुनवाई पूरी हो गई है. इस मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट से फैसला सुरक्षित रख लिया है, सोमवार को फैसला सुनाया जाएगा. बता दें कि उपद्रवियों के पोस्टर लगाने के मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है. साथ ही कोर्ट ने लखनऊ के पुलिस कमिश्नर और जिलाधिकारी को तलब किया. अदालत ने पूछा कि किस नियम के तहत फोटो लगाए गए. हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस गोविंद माथुर ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लिया है.

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हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट किया कि यूपी की भाजपा सरकार का रवैया ऐसा है कि सरकार के मुखिया और उनके नक्शे कदम पर चलने वाले अधिकारी खुद को बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान से ऊपर समझने लगे हैं. उच्च न्यायालय ने सरकार को बताया है कि आप संविधान से ऊपर नहीं हो, आपकी जवाबदेही तय होगी.

बता दें कि लखनऊ में दिसंबर में नागिरकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुए थे. इस दौरान उपद्रवियों ने लखनऊ में सरकारी संस्थाओं को नुकसान पहुंचाया था. जिला प्रशासन ने सीएए विरोधी उपद्रवियों की पहचाने के लिए शहर में पोस्टर लगाए हैं. रविवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस मामले पर सुनवाई पूरी हो गई है.

ये भी पढ़ें- CAA प्रदर्शन के दौरान हिंसा करने वाले 53 उपद्रवियों के लगे पोस्टर

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नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ भड़की हिंसा में नुकसान की भरपाई के लिए तोड़फोड़ और आगजनी करने वाले 53 आरोपियों के पोस्टर लगाए गए. लखनऊ में 19 दिसंबर को सड़कों पर जमकर आगजनी और तोड़फोड़ की गई थी.

हिंसा में निजी और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों में ट्रांस गोमती के 13, हजरतगंज के 24 और पुराने लखनऊ के 16 उपद्रवियों के पोस्टर लगाए गए हैं. हजरतगंज चौराहे समेत शहर के 12 से ज्यादा इलाकों में उपद्रवियों के पोस्ट लगाए गए हैं.

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लखनऊ में जगह-जगह लगाए गए पोस्टर

प्रशासन द्वारा लखनऊ के प्रमुख चौराहों पर 100 होर्डिंग्स लगाई गई हैं. जिला प्रशासन ने आदेश दिया है कि अगर तयशुदा वक्त में रिकवरी का पैसा नहीं चुकाया गया, तो कुर्की की कार्रवाई की जाएगी. हसनगंज, हजरतगंज, कैसरबाग और ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के 57 लोग अब तक चिन्हित किए जा चुके हैं. इन सब पर हिंसा फैलाने का आरोप है. इन लोगों के खिलाफ 1 करोड़ 55 लाख 62 हज़ार 537 रुपये की रिकवरी का आदेश जारी किया जा चुका है.

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