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एमपी: 20 करोड़ की धोखाधड़ी करने वाला ठग गिरफ्तार, 2013 से था फरार

करीब 200 प्लॉट बेचने के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने वाले भू-माफिया रमाकांत विजयवर्गीय को भोपाल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. 2013 में बेल मिलने के बाद से ही वह फरार हो गया था.

भेष बदलकर इंदौर में रह रहा था रमाकांत  भेष बदलकर इंदौर में रह रहा था रमाकांत
रवीश पाल सिंह
  • भोपाल,
  • 30 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 12:42 AM IST

  • करीब 200 प्लॉट बेचकर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की
  • 2009 में पहला मामला दर्ज, 2011 में हुई थी गिरफ्तारी
  • पुलिस ने आरोपी पर रखा था 20 हजार रुपये का इनाम

कोरोना संकट के बीच मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में धोखाधड़ी करने वाले ऐसे ठग को पुलिस ने गिरफ्तार किया है जिस पर करीब 200 लोगों के साथ 20 करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी करने का आरोप है.

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एडीजी उपेंद्र जैन ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि करीब 200 प्लॉट बेचने के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने वाले भू-माफिया रमाकांत विजयवर्गीय को भोपाल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

आरोपी रमाकांत भेष बदलकर और फर्जी नाम (रामकुमार व्यास) के साथ इंदौर में रह रहा था जिसकी जानकारी मिलने पर साइबर क्राइम और कोहेफिजा थाने की टीम ने मंगलवार रात को ही ठग को गिरफ्तार कर लिया.

20 करोड़ का चूना लगाने वाला रमाकांत

एडीजी उपेंद्र जैन ने बताया कि 58 साल के आरोपी रमाकांत विजयवर्गीय ने डिस्ट्रीक इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी बनाई थी और उसके माध्यम से साल 2005 में पंचवटी फेस-2 और फेस-3 कॉलोनी में प्लॉट बेचने के नाम पर करीब 200 लोगों से फर्जी तरीके से करीब 20 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई जिसमें उसने लोगों से रुपये तो लिए लेकिन प्लॉट नहीं दिया.

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आरोपी रमाकांत पर पुलिस ने 20 हजार रुपये का इनाम भी घोषित कर रखा था.

कोहेफिजा टीआई अनिल वाजपेयी ने 'आजतक' से बात करते हुए बताया कि रमाकांत के खिलाफ कोहेफिजा थाने में धोखाधड़ी के कुल 22 मामले दर्ज हैं. 2009 में इसके खिलाफ पहला मामला दर्ज हुआ था जिसमें इसकी गिरफ्तारी साल 2011 में हुई और इसे जेल भेज दिया गया.

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इंदौर में फर्जी नाम

लेकिन 2013 में इसको बेल मिली तो यह फरार हो गया और इंदौर में जाकर फर्जी नाम के साथ रहने लगा. आरोपी ने अपना हुलिया भी बदल लिया था जिससे इतने सालों तक इसकी पहचान साबित नहीं हो पाई.

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2005 में इसने प्लॉट के नाम पर जो करीब 20 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी और उन प्लॉट्स का आज की तारीख में बाजार मूल्य करीब 500 करोड़ रुपये के आसपास है. लिहाजा रमाकांत की गिरफ्तारी पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता है.

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