
फडणवीस का सीएम पद और अजित पवार का डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा
बोले- सिंचाई घोटाला की जांच पर राजनीतिक उथलपुथल का असर नहीं होगा
महाराष्ट्र में मंगलवार को बड़ा सियासी उलटफेर देखने को मिला. देवेंद्र फडणवीस ने सूबे के मुख्यमंत्री और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. अजित पवार के इस्तीफे के बाद फडणवीस मीडिया के सामने आए और मुख्यमंत्री पद से अपने इस्तीफे का ऐलान किया.
इस दौरान आजतक संवाददाता साहिल जोशी ने फडणवीस से सवाल किया कि अजित पवार के खिलाफ सिंचाई घोटाला मामले को आपने बड़े पैमाने पर उठाया था. साथ ही कहा था कि अजित पवार को जेल में चक्की पीसनी पड़ेगी लेकिन शनिवार को आपने अजित पवार के साथ मिलकर सूबे में सरकार बना ली, तो आपने अजित पवार को क्लीन दे दी है?
इस पर फडवीस ने कहा कि महाराष्ट्र में जब पांच साल तक हमारी सरकार रही, तो हमने सिंचाई घोटाला मामले में जांच की. अब मामले की जांच कोर्ट की निगरानी में हो रही है. इस मामले पर सियासी उथलपुथल का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि जहां तक अजित पवार के साथ सरकार बनाने का सवाल है, तो वो नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता हैं और जब हमारे पास स्पष्ट बहुमत नहीं है तो उनकी पार्टी के नेता के साथ मिलकर सरकार बनाना ही पड़ता. अजित पवार की जगह कोई और एनसीपी का नेता होता, तो हम उसके साथ मिलकर सरकार बनाते.
जब फडणवीस से पूछा गया कि क्या अजित पवार के साथ महाराष्ट्र में सरकार बनाकर बीजेपी ने गलती की तो उन्होंने सवाल को टालने की कोशिश करते हुए कहा कि अजित पवार के साथ मिलकर सरकार बनाना गलती थी या नहीं, यह बाद में देखा जाएगा. अभी हम एनसीपी के साथ सरकार नहीं बना सकते हैं और मैं अपने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं.
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में 70,000 करोड़ रुपये के सिंचाई घोटाले में अजित पवार का नाम सामने आया था. जब यह घोटाला सामने आया था, उस समय अजित पवार कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन सरकार में सिंचाई विभाग संभाल रहे थे. इस मामले को विपक्ष में रहने के दौरान भारतीय जनता पार्टी, शिवसेना, आम आदमी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों ने जोरशोर से उठाया था.