
महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन वाली सरकार का शपथ ग्रहण 1 दिसंबर को होगा. हालांकि शपथ ग्रहण कहां होगा ये साफ नहीं पाया है. शिवसेना चाहती है कि ये समारोह शिवाजी पार्क में हो. वहीं, शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन को महाराष्ट्र विकास अघाड़ी नाम दिया गया है. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को इसका नेता चुना गया है.
बता दें कि मंगलवार को देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. उनके इस्तीफे के साथ ही राज्य में कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी की सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया है. एक दिसंबर को होने वाले शपथ ग्रहण से पहले उद्धव ठाकरे बुधवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक साथ में कांग्रेस-एनसीपी के 2-2 विधायक भी मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं.
4 दिन में बदल गई महाराष्ट्र की कहानी
बीते शनिवार को भारतीय जनता पार्टी की सत्ता की कहानी शुरू हुई और मंगलवार आते-आते खत्म हो गई. शनिवार को देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके साथ एनसीपी नेता अजित पवार ने भी उपमुख्यमंत्री पद का शपथ ग्रहण किया. इसी के साथ यह ऐलान हुआ कि एनसीपी का अजित पवार वाला खेमा बीजेपी के साथ है और दोनों पार्टियां मिलकर सरकार चलाएंगी. लेकिन, अजित पवार का चुपके-चुपके बीजेपी खेमे में चले जाना पार्टी प्रमुख और चाचा शरद पवार को नागवार गुजरी और उन्होंने तुरंत पार्टी के विधायकों को एकजुट कर होटल में पहुंचा दिया.
इसके बाद तीनों दलों (कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी) ने अपने-अपने विधायकों को अलग-अलग होटल में शिफ्ट कर दिया. इस दौरान दोनों खेमे की तरफ से बयानबाजी जारी रही. इसी बीच सोमवार की शाम मुंबई के हयात होटल में तीनों दल के विधायकों की परेड हुई और शरद पवार ने पार्टी से बगावत करने वाले अजित पवार के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही.
हालांकि, कुछ ही देर बाद पार्टी के नेताओं ने कहा कि अजित पवार को मनाकर दोबारा साथ लाने की कोशिश की जा रही है. इसके बाद मंगलवार की सुबह सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार शाम 5 बजे तक देवेंद्र फडणवीस को बहुमत साबित करने की मोहलत दी. लेकिन तभी अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा दे दिया.
इसके बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बहुमत ना होने की बात मानी और इस्तीफे का ऐलान कर दिया. वहीं, बीजेपी विधायक कालिदास कोलंबकर को प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाई गई. इस बीच राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने बुधवार की सुबह 8 बजे विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है.
ठाकरे परिवार के पहले मुख्यमंत्री होंगे उद्धव
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने परिवार के पहले ऐसे व्यक्ति होंगे, जो महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनेगा. उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र में शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा)-कांग्रेस के संयुक्त गठबंधन महाराष्ट्र विकास अघाड़ी का नेतृत्व करने जा रहे हैं.
उद्धव के पिता दिवगंत बाला साहेब ठाकरे द्वारा 1966 में स्थापित क्षेत्रीय पार्टी शिवसेना पहली बार कांग्रेस और राकांपा से एक साथ हाथ मिला रही है.
मुख्यमंत्री बनने के बाद उद्धव ठाकरे को छह महीने के भीतर विधानसभा या विधान परिषद का चुनाव लड़कर जीतना होगा. उद्धव ने आज तक कभी चुनाव नहीं लड़ा है और वह दोनों में से किसी सदन के सदस्य नहीं हैं.
उनके बेटे आदित्य ठाकरे, ठाकरे परिवार के पहले ऐसे सदस्य हैं, जिन्होंने पहली बार पिछले महीने वर्ली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीता था.
राज्य में हुए विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस-राकांपा ने संयुक्त रूप से 288 सीटों वाली विधानसभा में 98 सीटें जीती थीं.
27 जुलाई 1960 को जन्में उद्धव ने वर्ष 2012 में अपने पिता के निधन के बाद पार्टी की कमान संभाली थी. शिवसेना के मुखपत्र सामना का कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की.
1999 में महाराष्ट्र में शिवसेना के मुख्यमंत्री नारायण राणे की कार्यशैली और प्रशासनिक योग्यता की उन्होंने खुले तौर पर आलोचना की. इसके बाद हुए विवाद में राणे को इस्तीफा देना पड़ा. बाद में राणे को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.
उद्धव के नेतृत्व में शिवसेना को 2002 में बृहन्मुंबई महानगर पालिका चुनावों में भारी मतों से जीत मिली थी. वर्ष 2003 में उन्हें पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया. उद्धव और उनके चचरे भाई राज ठाकरे के बीच 2006 में मतभेद के बाद राज ने अलग होकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का गठन किया. उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे पार्टी की युवा शाखा युवासेना के अध्यक्ष हैं.