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1 साल पहले की वो रात, जब राज्यपाल के फैसले पर हुआ था विवाद

महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा उलटफेर 22 नवंबर की रात हुई. ठीक एक साल पहले 21 नवंबर की रात जम्मू-कश्मीर की सिसायत में भी बड़ा उलटफेर देखने को मिला, जब अचानक राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा को भंग कर दिया था.

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Photo- Aajtak) महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Photo- Aajtak)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 3:15 PM IST

  • महाराष्ट्र में 22 नवंबर की रात का वो सिसासी घमासान
  • ठीक एक साल पहले कश्मीर में विधानसभा भंग

महाराष्ट्र में जारी सियासी घमासान के बीच 22 नवंबर की रात की सियासत भारी पड़ी. 22 नवंबर की शाम महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने संयुक्त बैठक की. वहीं, देर शाम देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पास एनसीपी नेता अजित पवार और कुछ निर्दलीय विधायकों के साथ सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया. सुबह होते राज्य में राष्ट्रपति शासन हट गया. इसके बाद राज्यपाल ने सीएम पद पर देवेंद्र फडणवीस को और डिप्टी सीएम के रूप में अजित पवार को शपथ दिलाई.  

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महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा उलटफेर 22 नवंबर की रात हुई. ठीक एक साल पहले 21 नवंबर की रात जम्मू-कश्मीर की सिसायत में भी बड़ा उलटफेर देखने को मिला, जब अचानक राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा को भंग कर दिया था, उनके इस रुख पर सवाल भी उठे थे.

21 नवंबर की रात कश्मीर की सियासत

22 नवंबर की रात से 1 साल पहले यानी 21 नवंबर 2018 की रात कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कश्मीर विधानसभा भंग करने का ऐलान किया था. ये तब हुआ था जब पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाने की कोशिश की.  

21 नवंबर 2018 को दिनभर कश्मीर में नई सरकार बनाने की खबर चलती रही. सरकार बनाने को लेकर इस रेस में कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी का गठबंधन दिख रहा था. हालांकि, शाम होते ही राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए विधानसभा को भंग कर दिया.

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1 साल 1 दिन बाद महाराष्ट्र की सियासत

अब ठीक 1 साल 1 दिन बाद 22 नवंबर 2019 की रात महाराष्ट्र की सियासत में भी उलटफेर देखने को मिला. कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के बीच सरकार बनाने की सहमति बन गई थी. गठबंधन के तहत उद्धव ठाकरे का सीएम बनना तय हो गया था, तभी देर रात एनसीपी नेता अजित पवार और बीजेपी के बीच बातचीत करीब 11:45 बजे फाइनल हुई, जिसके बाद राज्‍यपाल को सूच‍ित कर सरकार बनाने का दावा पेश किया गया.

सरकार गठन के ल‍िए पर्याप्‍त संख्‍या बल को लेकर राज्‍यपाल भगत सिंह कोश्यारी प्रस्ताव से आश्वस्त हो गए और उन्होंने तुंरत केंद्र को राष्‍ट्रपति शासन हटाने की अनुशंसा भेज दी. इस अनुशंसा पर राष्ट्रपति भवन ने सुबह तड़के मुहर लगा दी. राज्‍यपाल की अनुशंसा पर केंद्र ने सुबह 5:47 बजे राष्‍ट्रपति शासन हटा लिया और सुबह 8:05 बजे फडणवीस ने सीएम पद की शपथ ले ली, ऐसे में राज्यपाल फिर निशाने पर हैं.

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