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उद्धव सरकार ने भीमा कोरेगांव और मराठा आरक्षण आंदोलन से जुड़े 808 केस वापस लिए

महाराष्ट्र में उद्धव सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. भीमा कोरेगांव हिंसा में दर्ज 348 और मराठा आरक्षण आंदोलन से जुड़े 460 मामलों को वापस ले लिया है.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (PTI) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (PTI)
कमलेश सुतार
  • मुंबई,
  • 27 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 6:38 PM IST

  • भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े 348 मामले वापस लिए गए
  • मराठा आरक्षण आंदोलन से जुड़े 460 केस रद्द किए गए

महाराष्ट्र में उद्धव सरकार ने भीमा कोरेगांव हिंसा में दर्ज 348 और मराठा आरक्षण आंदोलन से जुड़े 460 मामलों को वापस ले लिया है. ये जानकारी विधान परषिद में राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने दी. उन्होंने कहा कि वापस लिए गए मामलों में गंभीर अपराध शामिल नहीं हैं. ये विरोध से संबंधित मामले हैं.

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इधर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार से भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में न्यायिक आयोग पूछताछ करेगा. शरद पवार की गवाही को लेकर एक अर्जी लगाई गई थी, जिसे आयोग ने स्वीकार कर लिया है. अब इसे लेकर आयोग जल्द ही एनसीपी नेता पवार को समन जारी करेगा. इससे पहले अक्टूबर 2018 में शरद पवार की ओर से इस मामले में हलफनामा दायर किया गया था.

भीमा कोरेगांव हिंसा मामला: एनसीपी नेता शरद पवार से कमीशन करेगा पूछताछ

भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में शरद पवार को मामले की जांच कर रहा न्यायिक आयोग समन भेजेगा. सामाजिक समूह विवेक विचार मंच के सदस्य सागर शिंदे ने पिछले हफ्ते आयोग को एक आवेदन दिया था. इसमें 2018 में हुई हिंसा के बारे में शरद पवार द्वारा 18 फरवरी को दिए बयान को लेकर पूछताछ करने की मांग की गई थी.

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फडणवीस बोले- बाबरी मस्जिद को लेकर इतनी चिंता में क्यों हैं शरद पवार

आयोग का कार्यकाल 8 अप्रैल तक बढ़ा

बता दें कि भीमा कोरेगांव हिंसा मामले की जांच के लिए गठिन न्यायिक आयोग की अध्यक्षता बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जेएन पटेल कर रहे हैं, जबकि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्य सचिव सुमित मुलिक न्यायिक पैनल के सदस्य हैं. महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी के शासन काल में आयोग का गठन किया गया था. शिवसेना की अगुवाई वाली सरकार ने इस आयोग का कार्यकाल 8 अप्रैल तक बढ़ा दिया है.

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