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भीमा कोरेगांव दंगों से कोई न कोई फायदा जरूर उठाएगा: उदयनराजे भोसले

उदयनराजे ने कहा कि मैंने गांववालों से फोन पर बात की थी. गांव में सब मिल जुलकर रहते हैं लेकिन ऐसे अचानक से ये कैसे हो गया किसी को कुछ पता नहीं चला.

फाइल फोटो फाइल फोटो
पंकज खेळकर
  • पुणे,
  • 06 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 8:58 PM IST

छत्रपति शिवाजी महाराज के 13वें वंशज उदयनराजे भोसले जो एनसीपी पार्टी के सांसद है. जब उनसे भीमा कोरेगांव में हुए दंगों के बारे में बात की गई तो उदयनराजे भोसले ने कहा कि इन दंगों से कोई ना कोई फायदा तो जरूर उठाएगा. 200 साल पहले की बात करने के बजाय हमें प्रगति की ओर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए. आज लोगों को सिर्फ वोट बैंक की ओर धकेला जा रहा है.    

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उदयनराजे ने कहा कि मैंने गांववालों से फोन पर बात की थी. गांव में सब मिल जुलकर रहते हैं लेकिन ऐसे अचानक से ये कैसे हो गया किसी को कुछ पता नहीं चला.

अब लोगों को समझना होगा की कैसे छत्रपति शिवाजी महाराज, छत्रपति संभाजी महाराज जैसे महान व्यक्तियों ने सभी जात के लोगों को हमेशा साथ लेकर चले और उन्होंने कभी भी कोई भेद-भाव नहीं किया. इसलिए आज कई साल हो जाने के बावजूद लोग उनकी जयंती मनाते हैं. लोगों को इन महान व्यक्तियों से सीखना चाहिए की लोगों से कैसा बर्ताव किया जाता है.

उदयनराजे ने आगे कहा कि आज के इस युग में लोगों को जात पात भुला देनी चाहिए. ठीक उसी तरह जैसे एक्सीडेंट होने पर पेशेंट की जात नहीं ब्लड ग्रुप देखा जाता है. अब 200 साल पहले क्या हुआ था क्या नहीं इस पर चर्चा करने से कोई फायदा नहीं. जातीया रंगों की तरह होती है कोई भगवा कोई नीला तो कोई हरा. इंद्रधनुष में भी सात रंग होते हैं और सभी रंग साथ मिलकर रहते हैं, हमें भी वैसे ही साथ रहना चाहिए.

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हमेशा से ही लोगों को वोट बैंक के लिए किसी ने मुसलमानों को अपने साथ रखा तो वहीं कभी कुछ लोगों ने दलितों को अपने पास कर लिया. लेकिन कभी किसी ने ये नहीं सोचा की देश के लिए क्या सही है क्या गलत. आज जो सबसे ज्यादा जरूरी है चीजें है जैसे शिक्षा, मेडिकल सुविधाएं ये सारी चीजें नॉन इशू हो गई हैं और ये हिंसा चर्चा का विषय बन गया है.

दोस्ती करने से पहले हम ये कभी नहीं सोचते कि कौन किस जात का है तो फिर हमें अन्य समय भी नहीं सोचना चाहिए. सिर्फ वोट बैंक के लिए जात को अहमियत दी जा रही है जो गलत बात है.  

उदयनराजे ने आगे कहा कि पिछले दो दिनों में किसानो का बहोत नुकसान हो गया है. अगर ग्रामीण और शहरों के बीच झगड़ा हो गया तो शहर के लोगों को अनाज नहीं मिलेगा बल्कि बहार से इंपोर्ट कराने की नौबत आ जाएगी.

उदयनराजे ने यह भी कहा कि मेरी तरीफ करने से कुछ नहीं होगा. मुझे कुछ फर्क नहीं पड़ता कौन किस पार्टी से है. अगर कोई गलत है तो वह गलत है. अगर किसी ने गलती की है तो कार्रवाई भी होनी चहिए. मुझे ये इन्वेस्टीगेशन, जांच समिति सब बकवास लगती है. क्योंकि आजतक जो भी इन्वेस्टीगेशन हुई है उससे कुछ नहीं निकला है ये सब आंखों में धूल झोकने के समान है. जिसने भी यह किया है उसपर कार्रवाई होनी चाहिए, उस एक निर्दोष की जान गई है जिसकी उम्र काफी कम थी.

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