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भारत का पहला गीतकार जिसे दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया...

मजरूह सुल्तानपुरी ऐसी शख्सियत का नाम है जिनके गानों को गुनगुनाते हुए हमारी पीढ़ी जवां हुई है. मजरूह साल 2000 में आज ही के दिन दुनिया से रुखसत हुए थे...

Majrooh Sultanpuri Majrooh Sultanpuri
विष्णु नारायण
  • नई दिल्ली,
  • 24 मई 2016,
  • अपडेटेड 12:48 PM IST

हमारे देश के सारे संगीतप्रेमी सुनहरे दौर के गीतों को गुनगुनाना और सुनना पसंद करते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि उस दौर के अधिकांश गीत मजरूह ने लिखे थे. वे मजरूह सुल्तानपुरी के नाम से फेमस थे. उनका इंतकाल आज ही के रोज साल 2000 में हो गया था.

1. साल 1945 में बम्बई में आयोजित एक मुशायरे के दौरान फिल्म निर्माता ए के करदार की निगाह उन पर गई और वे फिल्मी दुनिया में आ गए.

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2. साल 1946 में उन्होंने पहली फिल्म शाहजहां के लिए लिखा.

3. उनका फिल्मी करियर 60 साल तक चला. उन्होंने एक लड़की भीगी भागी सी, तेरे मेरे मिलन की ये रैना, हमें तुमसे प्यार कितना, गुम है किसी के प्यार में जैसे शानदार गीत लिखे.

4. साल 1949 में सरकार विरोधी कविताएं लिखने की वजह से उन्हें दो साल सलाखों के पीछे गुजारने पड़े.

5. उन्हें साल 1993 में दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया था. वे इस पुरस्कार को पाने वाले पहले गीतकार बने.

 

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