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मलेशिया और ओबामा ने ISIS की विचारधारा के खिलाफ लड़ाई का संकल्प लिया

ओबामा ने दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के सम्मेलन से इतर एक व्यापारिक सम्मेलन में कहा, 'हम इन हत्यारों को सुरक्षित पनाहगाह नहीं हासिल करने देंगे.'

लव रघुवंशी
  • कुआलालंपुर,
  • 22 नवंबर 2015,
  • अपडेटेड 12:41 PM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनके मलेशियाई मेजबान ने आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) की नफरत भरी विचारधारा से लड़ने का संकल्प लिया.

फ्रांस, लेबनान और मिस्र पर इस्लामिक स्टेट के हालिया हमलों का असर आसियान सम्मेलन पर भी देखने को मिला है.

ओबामा ने दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के सम्मेलन से इतर एक व्यापारिक सम्मेलन में कहा, 'हम इन हत्यारों को सुरक्षित पनाहगाह नहीं हासिल करने देंगे.' ओबामा और मलेशियाई राष्ट्रपति नजीब रजाक रविवार को 18 एशिया-प्रशांत देशों के सम्मेलन में शरीक होंगे.

हाल ही में रूस के एक विमान को मिस्र में गिराए जाने, बेरूत में एक आत्मघाती हमला, पेरिस में सिलसिलेवार हमले के बाद यह सम्मेलन हो रहा है.

नजीब ने बताया कि वह 10 देशों की सदस्यता वाले आसियान की उपलब्धियों पर चर्चा के साथ अपना भाषण शुरू करने जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि लेकिन हाल के दिनों और हफ्तों के दौरान हुई घटनाओं ने हमारे उपर एक प्रभाव डाला है.

नजीब ने अपने भाषण में इस्लाम में सहिष्णुता पर बार बार जोर देते हुए कहा कि हमले को अंजाम देने वाले लोग किसी नस्ल और धर्म का प्रतिनिधित्व नहीं करते. वे लोग आतंकवादी हैं और कानून की पूरी ताकत से उनका मुकाबला किया जाना चाहिए.

उन्होंने आगाह किया कि आतंकवाद को शिकस्त देने के लिए एक मात्र सैन्य हल ही पर्याप्त नहीं होगा.

माली की राजधानी में एक लग्जरी होटल पर हुए हमले का हवाला देते हुए ओबामा ने कहा कि आतंकवाद को तूल दे रही नफरत फैलाने वाली विचारधाओं को पीछे धकेलने के लिए विश्व प्रतिबद्ध है.

इनपुट- भाषा

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