
दुर्गा पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन और मोहर्रम के जुलूस का समय निर्धारित करने को लेकर विरोधियों के निशाने पर आईं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने जमकर पलटवार किया. इतना ही नहीं, दुर्गा मूर्ति विसर्जन पर कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले पर ममता बनर्जी ने कहा, 'कोई मेरा गला काट सकता है, लेकिन मुझे यह नहीं बता सकता है कि क्या करना है.'
गुरुवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने मूर्ति विसर्जन और मोहर्रम जुलूस को लेकर ममता सरकार के आदेश को रद्द कर दिया. अदालत ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ऐसे मनमाने आदेश नहीं दिए जा सकते हैं. इससे पहले ममता बनर्जी ने दक्षिण कोलकाता के पॉम एवेन्यू में एक पूजा पंडाल में अपने भाषण में विरोधियों पर जमकर हमला बोला.
ममता ने कहा कि जब मैं दुर्गा पूजा या गणेश उत्सव का शुभारंभ करती हूं तो तुष्टिकरण का आरोप नहीं लगता लेकिन ईद की नमाज अदा कर लूं तो विरोधी ऐसा आरोप लगाने लगते हैं. ममता ने कहा कि अगर ये तुष्टिकरण है तो मैं जब तक जीवित हूं, ऐसा करती रहूंगी. अगर कोई मेरे माथे पर गन भी रख दे तब भी मैं यही करूंगी. मैं किसी से भेदभाव नहीं करती. ये बंगाल की संस्कृति है, ये मेरी संस्कृति है.
गौरतलब है कि बीजेपी और दक्षिणपंथी संगठन ममता बनर्जी पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाते रहते हैं. ये मामला तब और बढ़ गया जब ममता सरकार ने 30 सितंबर को मूर्ति विसर्जन पर रोक लगा दी क्योंकि इस दिन मुहर्रम भी है. कई लोग इसे मूल अधिकारों का उल्लंघन कह रहे हैं और अब ये मामला कोर्ट में है.
तुष्टिकरण की राजनीति करने वालों पर तमाचा
कोलकाता हाईकोर्ट के फैसले को बीजेपी ममता के लिए बड़ा झटका मान रही है. पश्चिम बंगाल के बीजेपी प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय और प्रवक्ता संबित पात्रा ने ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधा है. साथ ही कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. मामले में विजयवर्गीय का कहना है कि यह हमारे लिए हो या ना हो, लेकिन तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले नेताओं के मुंह पर तमाचा है. न्यायपालिका ने साफतौर से कहा है कि कानून व्यवस्था आप को मेंटेन करना है. इसका मतलब यह सरकार कानून व्यवस्था मेंटेन करने में फेल है.
सरकार को बने रहने का अधिकार नहीं
बीजेपी नेता विजयवर्गीय ने कहा कि अगर किसी सरकार को न्यायपालिका यह कह दे कि आप कानून व्यवस्था की स्थिति में मेंटेन करने में फेल है, तो सरकार को बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. यह तुष्टिकरण की नीति पर जबरदस्त तमाचा है. कैलाश विजयवर्गीय का कहना है कि ममता यह सिर्फ वोट की राजनीति के लिए कर रही थी. हल्की राजनीति का खेल खेल रही थी, जिससे उनका चेहरा बेनकाब हो गया है.
दमदार सरकार ऐसे बोलती
बीजेपी नेता ने कहा कि ममता सरकार को कहना चाहिए कि हिंदू भाई अपना त्योहार मनाएं और मुस्लिम भाई अपना त्यौहार मनाएं...देखती हूं मैं खड़ी होती हूं. कौन गड़बड़ करता है. यह दमदार मुख्यमंत्री और सरकार का काम होता है. यह तुष्टिकरण की राजनीति की हार है. ममता बनर्जी तुष्टिकरण की राजनीति कर रही थी, जिेसे कोलकाता हाईकोर्ट ने रिजेक्ट कर दिया है.