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गाजियाबाद के मुरादनगर में एक मदरसा में राष्ट्रगान की जगह इकबाल का 'सारे जहां से अच्छा' गाया गया. तिरंगा लहराए जाने तक सब ठीक था. फिर अचानक नूरपुर मदरसा के मैनेजर कारी खलील अहमद ने बच्चों को राष्ट्रगान गाने से मना कर दिया. अहमद ने कथित तौर पर छात्रों से कहा कि राष्ट्रगान मदरसा के उसूलों के खिलाफ है.
'राष्ट्रगान का अपमान तो नहीं किया'
अहमद ने छात्रों से 'सारे जहां से अच्छा' गाने को कहा. इस बारे में पूछे जाने पर अहमद ने कहा कि 'सारे जहां से अच्छा भी देशभक्ति गीत है. मुझे नहीं लगता कि आजादी के दिन इसे गाने में कोई दिक्कत है. मैंने राष्ट्रगान का अपमान तो नहीं किया.'
गोरखपुर में लहराया पाकिस्तानी झंडा
ऐसी ही दूसरी घटना गोरखपुर में घटी. यहां एक युवक ने अपने घर के आगे पाकिस्तानी झंडा लहरा दिया. हालांकि युवक के पिता ने तुरंत झंडा हटाते हुए माफी भी मांग ली. उन्होंने कहा कि 'मेरा बेटा नासमझ है. सही-गलत का फर्क नहीं समझता. उसके किए पर मैं शर्मिंदा हूं और माफी मांगता हूं.'