
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ दायर याचिका को चुनाव आयोग ने ठुकरा दिया है. सिसोदिया के पद को लाभ का पद बताते हुए ये याचिका दायर की गई थी. जिसमें सिसोदिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी.
बीजेपी से जुड़े एक वकील ने यह याचिका तीन महीने पहले दाखिल की थी. आयोग ने इस याचिका में कोई तथ्य न पाते हुए इसे खारिज कर दिया. आयोग ने अपने आदेश में साफ कहा कि इस याचिका में कोई मेरिट नहीं है. चुनाव आयोग के इस आदेश के बाद ये साफ हो गया कि दिल्ली में उप मुख्यमंत्री का पद लाभ का नहीं है. जिसके बाद मनीष सिसोदिया की सदस्यता पर छाए आशंका के बादल छंट गए हैं.
दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों पर भी ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का मामला रहा है. राष्ट्रपति ने शिकायत मिलने के बाद ये मामला मुख्य चुनाव आयोग के यहां भेजा था. जहां इस मसले पर कई बार सुनवाई हो चुकी है. आयोग ने इस मामले में सभी विधायकों का पक्ष भी जाना है. सभी विधायकों ने लिखित रूप में आयोग को अपना स्पष्टीकरण दिया है.
आयोग ने इस पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. आयोग राष्ट्रपति तक अपने विचार भेजेगा, क्योंकि राष्ट्रपति ने उनसे इस मामले में सलाह मांगी थी.
बता दें कि आरोप लगा था कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने अपने विधायकों को नियमों के खिलाफ जाकर लाभ के पद दिए थे. अगर आयोग ये मानता है कि विधायकों के जो जिम्मेदारियां मिलीं थीं वो लाभ के पद के दायरे में आती हैं तो उनकी सदस्यता पर संकट आ सकता है.