Advertisement

दिल्ली सरकार की स्पोर्ट्स पॉलिसी पर बोले सिसोदिया- फ्री में देंगे ट्रेनिंग

केजरीवाल सरकार ने रियो ओलंपिक में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को उपहार की सौगात दी है लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि इनमें से एक भी खिलाड़ी देश की राजधानी से नहीं है. ऐसे में दिल्ली सरकार की खेल नीति पर सवाल उठे हैं.

मनीष सिसोदिया मनीष सिसोदिया
सबा नाज़/पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 20 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 4:49 PM IST

केजरीवाल सरकार ने रियो ओलंपिक में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को उपहार की सौगात दी है लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि इनमें से एक भी खिलाड़ी देश की राजधानी से नहीं है. ऐसे में दिल्ली सरकार की खेल नीति पर सवाल उठे हैं.

दिल्ली सरकार का शिक्षा बजट 10 हजार करोड़ रुपए के आसपास है. जिसमें कुछ हिस्सा खेल पर खर्च किया जाता है. अब सवाल ये खड़ा होता है कि क्या देश की राजधानी को आर्थिक रूप से मजबूत करने की जरूरत नहीं है, क्या शिक्षा और स्वास्थ्य की तरह खेल पर भी ज्यादा बजट खर्च नहीं करना चाहिए, ताकि आर्थिक रूप से कमजोर और होनहार खिलाड़ियों को मजबूती मिल सके.

Advertisement

सरकारी स्कूल के बच्चे को ट्रेनिंग फ्री
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 'आजतक' को बताया कि 'सरकार ने पिछले डेढ़ साल में फाउंडेशन का काम किया, जो मजबूत हुआ है. दिल्ली के 70 स्कूल में प्राइवेट प्लेयर के साथ एक्टिविटी शुरू की है जहां सरकारी स्कूल के बच्चे को ट्रेनिंग फ्री दी जाती है. अकेडमी से निकले अच्छे बच्चों को ट्रेनिंग देने की जरूरत है. हमारे 20 से 22 स्पोर्ट्स के सेंटर हैं और इनका इस्तेमाल हो सके इसलिए यहां सुविधाएं मजबूत करने की जरूरत है.'

अच्छे कोच, स्पोर्ट्स टीचर की जरूरत
खेल नीति पर मनीष सिसोदिया का कहना है कि 'दिल्ली सरकार खेल नीति पर प्लान तैयार कर रही है, इसमे इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर कोच की कमी को पूरा किया जाएगा. काफी चीजें प्लान में हैं, स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी उसका एक हिस्सा है. दिल्ली में पैसा खर्च करना होगा. जो अच्छे कोच हैं, स्पोर्ट्स टीचर हैं उनको लाने की जरूरत है.' आपको बता दें कि दिल्ली सरकार जनवरी 2017 में 'राष्ट्रीय स्कूल खेल' के दौरान, देश के तमाम खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने के लिए मेगा इवेंट का आयोजन करेगी.

Advertisement

दिल्ली में बड़े-बड़े स्टेडियम का पूरा इस्तेमाल होगा
उपमुख्यमंत्री से जब ये सवाल पूछा गया कि दिल्ली में बड़े-बड़े स्टेडियम होने के बावजूद उनका इस्तेमाल खेलकूद के लिए नहीं होता है और यहां आयोजित कार्यक्रम खेल मैदान के इंफ्रास्ट्रक्चर बिगाड़ देते हैं. इसके जवाब में मनीष सिसोदिया ने कहा कि 'अगर कोई फैसिलिटी है तो उसका मल्टीपर्पज इस्तेमाल होगा लेकिन स्पोर्ट्स की एक्टिविटी में कमी नहीं आनी चाहिए. अगर कुश्ती दिल्ली में चाहिए तो ऐसे सेंटर बनाने होंगे ताकि खिलाड़ी अपने घर के आसपास ट्रेनिंग ले सके.'

सुविधा देना सरकार का काम
फिलहाल केजरीवाल सरकार विधानसभा सत्र के बाद दिल्ली के तमाम स्पोर्ट्स टीचर की एक बैठक बुलाएगी. ये शिक्षक खिलाड़ियों की जरूरत और इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी का विस्तृत प्लान तैयार करेंगे. मनीष सिसोदिया का कहना है कि 'हमने अभी कोच को भर्ती करने की योजना बनाई है. जिन्हें दिल्ली सरकार की टीम में शामिल करेंगे. हमारे पास स्पोर्ट्स में बजट की कमी नहीं है. बच्चे खेलना चाहते हैं लेकिन सुविधा देना सरकार का काम है.'

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement