
पूर्व मुख्यमंत्री मांझी नीतीश कुमार से अलग होकर जेडीयू के 17 बागी विधायकों के साथ मिलकर हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा बना चुके हैं और उसके बाद से पूरे प्रदेश में घूम-घूमकर जनसभाएं कर रहे हैं. अलग-अलग जगहों पर जनसभाएं करने के बाद नीतीश ने सोमवार को पटना के गांधी मैदान में ‘गरीब स्वाभिमान रैली’ को संबोधित किया.
मांझी ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में अगर रत्ती भर भी संवेदनशीलता है तो वे उनके जनकल्याणकारी निर्णयों को लागू करेंगे, नहीं तो वे उन्हें चैन से बैठने नहीं देंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि एकतरफ शिक्षकों, महिलाओं, दलितों के आवासन, पुलिसकर्मियों से संबंधित उनकी जनकल्याणकारी योजनाओं को उन्हें लागू करने के लिए पैसा नहीं होने का बहाना करके रद्द कर दिया लेकिन प्रदेश में करोडों रुपये पटना में संग्रहालय, नए विधानसभा भवन और सड़कों पर अनावश्यक पुल बनाने पर खर्च किए जा रहे हैं.
मांझी ने कहा कि वर्तमान विधानसभा में 243 सदस्यों के बैठने के लिए पर्याप्त स्थान है. वैसे में उसके लिए नए भवन के निर्माण की क्या जरूरत थी. सच्चाई यह है कि झारखंड के बिहार से अलग होने से पहले वर्तमान विधानसभा में 324 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था थी. हालांकि मांझी अपनी इस रैली के दौरान नए दल के गठन तथा इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में अन्य दलों के साथ तालमेल को लेकर वे कुछ नहीं बोले.
-इनपुट भाषा से