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लड़ाई- झगड़े और धरने के अलावा केजरीवाल को कुछ नहीं आता: मनोज तिवारी

सच्चाई ये है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को झगड़े, लड़ाई और धरने के अलावा कुछ नहीं आता.

मनोज तिवारी मनोज तिवारी
परमीता शर्मा/हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 05 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 3:47 PM IST

सर्विसेज विभाग और दिल्ली सरकार के बीच ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर छिड़ी जंग पर दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली का दुर्भाग्य है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आए 24 घंटे भी नहीं हुए और झगड़ा फिर से शुरू हो गया. सच्चाई ये है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को झगड़े, लड़ाई और धरने के अलावा कुछ नहीं आता.

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उन्होंने कहा कि फैसला आए अभी 24 घंटे भी नहीं हुए हैं और विवाद शुरू हो गया है, इसका मतलब है कि दिल्ली सरकार काम नहीं करेंगी. संविधान को वो मानेगा, कोर्ट को वो मानेगा और काम करेगा जिसकी नीयत और मन साफ होगा. लेकिन केजरीवाल की नीयत साफ नहीं है, इसलिए वो कोर्ट को भी नहीं मानेंगे. अरविंद केजरीवाल काम नहीं करेंगे और सिर्फ अराजकता फलाएंगे.

मनोज तिवारी ने कहा कि उनकी मजबूरी ये है कि सरकार में आए हुए इनको 3.5 साल हो गए हैं, अब जनता इनसे सवाल पूछेगी और इनके पास जवाब नहीं होगा. इसलिए इनपर रोज झगड़ा करना, कोर्ट जाना और धरने पर बैठने का काम ही इनपर जंचता है और अरविंद केजरीवाल ये ही काम कर रहे हैं.

'कोर्ट का सम्मान नहीं करती AAP'

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने पर पूरी तरह रोक लगा दी और ये रोक पीएम मोदी, अमित शाह या मनोज तिवारी ने नहीं लगाई हैं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट ने लगाई हैं. लेकिन उपमुख्यमंत्री कहते हैं कि पूर्ण राज्य का दर्जा मिले इसकी लड़ाई वो जारी रखेंगे, इसका मतलब है कि आम आदमी पार्टी कोर्ट का सम्मान नहीं करती.

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मनोज तिवारी ने कहा कि बीजेपी भी यह मांग करती रही है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले, लेकिन हम चाहते थे कि इसका रास्ता निकाला जाये. लेकिन जब अरविंद केजरीवाल की सरकार आई तब उन्होंने अराजकता फैलाई और गणतंत्र दिवस की परेड को रोकने की कोशिश की, उसी दिन दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने का संभावना समाप्त हो गई थी.

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