Advertisement

माओवादी नेता कोबाड गांधी आतंक से जुड़े आरोपों से बरी

आतंक के आरोपों से बरी कर कोबाड गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत धोखाधड़ी और जालसाजी के लिए कोर्ट ने दोषी करार दिया है. अदालत ने उनके साथी राजेंद्र कुमार को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी ठहराया, लेकिन आतंकवाद से जुड़े आरोप से उन्हें भी बरी कर दिया.

कोबाड गांधी कोबाड गांधी
सुरभि गुप्ता/IANS
  • नई दिल्ली,
  • 11 जून 2016,
  • अपडेटेड 1:58 PM IST

माओवादी विचारक कोबाड गांधी को दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को आतंक से जुड़े आरोपों से बरी कर दिया. हालांकि, धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोपों में उन्हें दोषी ठहराया गया है.

पहले ही काट चुके हैं सजा
धोखाधड़ी और जालसाजी के मामलों में कोर्ट ने उन्हें जितनी सजा सुनाई है, उतनी वह सितंबर 2009 से जेल में रहते हुए पहले ही काट चुके हैं.

Advertisement

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रितेश सिंह ने कोबाड गांधी को गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की धारा 20 और 38 (प्रतिबंधित संगठन का सदस्य और उसकी गतिविधियों को आगे बढ़ाना) के आरोपों से बरी कर दिया.

सहयोगी राजेंद्र भी आरोपों से बरी
कोबाड गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत धोखाधड़ी और जालसाजी के लिए कोर्ट ने दोषी करार दिया है. अदालत ने उनके साथी राजेंद्र कुमार को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी ठहराया, लेकिन आतंकवाद से जुड़े आरोप से उन्हें भी बरी कर दिया.

गिरफ्तारी के समय कैंसर का इलाज करा रहे थे कोबाड
पुलिस के मुताबिक कोबाड गांधी प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के नेटवर्क की दिल्ली में स्थापना करने में शामिल थे. उन्हें 20 सितंबर, 2009 को गिरफ्तार कर लिया गया था. उस वक्त वह कैंसर का इलाज करा रहे थे.

Advertisement

2010 में किया गया था राजेंद्र कुमार को गिरफ्तार
पुलिस ने कहा कि वह सीपीआई (माओवादी) की गतिविधियों को बढ़ाने के लिए दिल्ली में रह रहे थे और इस काम में उनके सहयोगी राजेंद्र कुमार ने उनकी सहायता की. राजेंद्र कुमार को 19 मार्च, 2010 को गिरफ्तार किया गया था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement