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रोहिंग्या के समर्थन में उतरा आतंकी मसूद अजहर, कहा- एकजुट हों मुस्लिम, जल्द कुछ करना होगा

मसूद अजहर ने रोहिंग्या के बारे में कहा कि इस मुद्दे पर दुनिया के सभी मुस्लिमों को एक साथ आना चाहिए, हमें जल्द ही कुछ करना चाहिए. अजहर ने कहा कि ओसामा बिन लादेन एक शेर था जो लोगों की मदद के लिए आगे आया.

मसूद अजहर ने किया रोहिंग्या का समर्थन मसूद अजहर ने किया रोहिंग्या का समर्थन
मोहित ग्रोवर
  • इस्लामाबाद,
  • 19 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 8:26 AM IST

पाकिस्तानी आतंकवादी मसूद अजहर ने खुलकर रोहिंग्या मुसलमानों का समर्थन किया है. मसूद ने कहा,''ये म्यांमार मुस्लिमों का बलिदान ही है कि पूरी दुनिया में मुस्लिम समाज एक जुट हो गया है.'' मसूद अजहर का ये बयान ऐसे समय पर आया है जब भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया है कि रोहिंग्या मुसलमानों के पाकिस्तान के आतंकियों के साथ कनेक्शन हो सकते हैं और ये देश के लिए खतरा हो सकते हैं.

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लादेन को बताया शेर

मसूद अजहर ने रोहिंग्या के बारे में कहा कि इस मुद्दे पर दुनिया के सभी मुस्लिमों को एक साथ आना चाहिए, हमें जल्द ही कुछ करना चाहिए. अजहर ने कहा कि ओसामा बिन लादेन एक शेर था जो लोगों की मदद के लिए आगे आया, वहीं म्यांमार के बौद्ध नेता विराथू की आलोचना की है. उसने कहा कि बिन लादेन एक बहादुर और निडर इंसान था जिसने दुनिया के साम्राज्यवाद को चुनौती दी. वहीं विराथू सिर्फ निहत्थे लोगों पर जुर्म कर रहा है.

क्या कहता है केंद्र सरकार का हलफनामा

रोहिंग्या मुस्लिमों को वापस म्यांमार भेजने की योजना पर केंद्र सरकार ने 16 पन्नों का हलफनामा दायर किया है. इस हलफानामे में केंद्र ने कहा कि कुछ रोहिग्या शरणार्थियों के पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से संपर्क का पता चला है. ऐसे में ये राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से खतरा साबित हो सकते हैं.

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केंद्र ने अपने हलफनामे में साथ ही कहा, 'जम्मू, दिल्ली, हैदराबाद और मेवात में सक्रिय रोहिंग्या शरणार्थियों के आतंकी कनेक्शन होने की भी खुफिया सूचना मिली है. वहीं कुछ रोहिंग्या हुंडी और हवाला के जरिये पैसों की हेरफेर सहित विभिन्न अवैध व भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए गए.'

गृह मंत्रालय के मुताबिक, वैध तौर पर 14 हजार से ज्यादा रोहिंग्या शरणार्थी भारत में रह रहे हैं. जबकि 40 हजार से ज्यादा ऐसे हैं, जो अवैध रूप से शरण लिए हुए हैं. वहीं संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, म्यांमार के रखाइन प्रांत में हिंसा के कारण 3,79,00 से अधिक रोहिंग्या मुस्लिम भागकर बांग्लादेश पहुंच चुके हैं.

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