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इस बार एमसीडी में दिखेगी यंगिस्तान की धमक?

बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी की मानें तो इस बार एमसीडी चुनाव के लिए बीजेपी के उम्मीदवारों में 21 साल के युवा भी नज़र आएंगे, तो क्या यह इशारा एमसीडी में यंगिस्तान की दस्तक का है, क्योंकि बीजेपी ने इस बार एमसीडी चुनाव के लिए मैदान पूरी तरह साफ कर दिया है और सभी मौजूदा पार्षदों के टिकट काट दिए हैं.

बीजेपी ने युवाओं को दिया है टिकट बीजेपी ने युवाओं को दिया है टिकट
विवेक शुक्ला/कपिल शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 30 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 3:09 PM IST

बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी की मानें तो इस बार एमसीडी चुनाव के लिए बीजेपी के उम्मीदवारों में 21 साल के युवा भी नज़र आएंगे, तो क्या यह इशारा एमसीडी में यंगिस्तान की दस्तक का है, क्योंकि बीजेपी ने इस बार एमसीडी चुनाव के लिए मैदान पूरी तरह साफ कर दिया है और सभी मौजूदा पार्षदों के टिकट काट दिए हैं.

बीजेपी की रणनीति युवाओं को मौका देने की है, वहीं कांग्रेस में भी इस बार यूथ कांग्रेस ने राहुल गांधी का दरवाज़ा खटखटा कर टिकट वितरण में युवाओं को तरजीह देने की मांग की है.

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एमसीडी का घमासान शुरू हो चुका है और इस बार सभी पार्टियों के भीतर यंगिस्तान की चाहत नजर आ रही है. आम आदमी पार्टी अपने सभी उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है और इसमें ज्यादातर युवा चेहरे हैं, लेकिन खास बात यह है कि इस बार उन पार्टियों के भीतर भी युवाओं को चुनाव लड़ाने की बात सामने आ रही है, जिनमें बुजुर्ग नेताओं का सालों से नगर निगम की राजनीति में दबदबा है. बीजेपी औऱ कांग्रेस दोनों ही खेमों में युवा उम्मीदवार खोजे भी जा रहे हैं और युवा नेता अपनी उम्मीदवारी भी दिखा रहे हैं.

बीजेपी को इस बार सभी 272 सीटों पर युवा उम्मीदवार उतारने हैं, बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी अपने एक बयान में ये कह भी चुके हैं कि इस बार उनकी पार्टी के उम्मीदवारों की उम्र 21 से 45 साल के बीच की होगी. बीजेपी युवा मोर्चा के अध्यक्ष सुनील यादव तो अपनी युवा टीम में से करीब 100 वार्डों के लिए नाम भी दे चुके हैं. यादव के मुताबिक युवा अगर पार्षद बनेंगे, तो न सिर्फ जोश और उत्साह के साथ अपने वार्ड में काम करेंगे, बल्कि ज्यादा क्षमता के साथ नगर निगम के कामों में तेजी और सुधार भी आएगा.

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कांग्रेस के भीतर तो युवाओं को टिकट देने का इतना दबाव है कि बात खुलेआम सड़कों पर भी नज़र आ गई. तीन दिन पहले युवा कांग्रेस के अध्यक्ष अमित मलिक अपनी पूरी टीम के साथ राहुल गांधी के घर जा पहुंचे और निवास के बाहर जो़रदार तरीके से अपनी मांग रख दी.

जिस तरह से युवाओं का राजनीति में रुझान और दखल बढ़ रहा है, उसके बाद अब लोकतंत्र की पहली सीढ़ी कहे जाने वाले नगर निगम चुनाव में न तो युवा अपना हक छोड़ने को तैयार नजर आ रहे हैं औऱ न ही राजनीतिक पार्टियों चुनावी राजनीति में उनकी हिस्सेदारी को नज़रअंदाज़ कर पा रही हैं.

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