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करोड़पति सांसद जब वेतन बढ़ाने की बात करते हैं तो मुझे शर्म आती है: वरुण गांधी

वेतन बढ़ना किसे अच्छा नहीं लगता, लेकिन एक सांसद ऐसे भी हैं, जिनका कहना है कि जब सांसदों ने अपने वेतन बढ़ाने की मांग सदन में रखी तब उन्हें शर्म आई. किस तरह से तमाम करोड़पति सांसद भी अपना वेतन बढ़ाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. ये सांसद हैं बीजेपी के नेता वरुण गांधी.

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बालकृष्ण/अमित रायकवार
  • लखनऊ,
  • 03 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 12:25 PM IST

वेतन बढ़ना किसे अच्छा नहीं लगता, लेकिन एक सांसद ऐसे भी हैं, जिनका कहना है कि जब सांसदों ने अपने वेतन बढ़ाने की मांग सदन में रखी तब उन्हें शर्म आई. किस तरह से तमाम करोड़पति सांसद भी अपना वेतन बढ़ाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. ये सांसद हैं बीजेपी के नेता वरुण गांधी.

'सारी समस्याओं की जड़ राजनीति है'
शुक्रवार को लखनऊ में एक यूथ कॉन्क्लेव में भाग लेने आए वरुण गांधी ने स्कूल कॉलेज के बच्चों के सामने बेबाक होकर दिल की बात कही. वरुण गांधी ने कहा कि वह मानते हैं कि सारी समस्याओं की जड़ राजनीति है क्योंकि राजनीति में दौलत और रसूख वाले कुछ लोगों का ही कब्जा है. वरुण गांधी ने यहां तक कहा कि अगर उनके नाम में गांधी नहीं जुड़ा होता तो वह भी भीड़ में बैठकर किसी और नेता का भाषण सुन रहे होते.

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सांसद की औसत संपत्ति साढ़े 14 करोड़ है
वरुण ने कहा कि एक सांसद की औसत संपत्ति साढ़े 14 करोड़ रुपए है. कुछ अपवाद हो सकते हैं, लेकिन ज्यादातर सांसद पैसे वाले हैं. वरुण गांधी ने कहा कि जब उन्होंने देखा कि महंगी गाड़ियों में चलने वाले सांसद वेतन बढ़ाने के लिए जोर लगा रहे हैं. तो उन्हें इतना बुरा लगा कि वह लोकसभा की स्पीकर मीरा कुमार को लिख कर दिया है की उन्हें अपना वेतन नहीं बढ़ाना है.

'व्यवस्था परिवर्तन होनी चाहिए'
वरुण का मानना है कि वो सत्ता परिवर्तन से ज्यादा व्यवस्था परिवर्तन चाहते हैं. क्योंकि वर्तमान व्यवस्था ऐसी है की बेटे की पढ़ाई का लोन नहीं चुका पाने की वजह से केरल के किसान को जेल हो गई, लेकिन हजारों करोड़ लेकर देश से भागने वाले विजय माल्या का कुछ नहीं बिगड़ा. वरुण गांधी ने वर्तमान राजनीति की बातों की, लेकिन इशारों इशारों में, उन्होंने कहा कि एक समय था कि जब बड़े नेता अपने विचारों की वजह से जाने जाते थे और किसी मुद्दे पर उनकी सोच क्या है, यह बात पूरी दुनिया जानती थी. लेकिन आज हालत यह है कि देश के 10 सबसे बड़े नेताओं से कर पूछ लिया जाए की कि शिक्षा, रोजगार, पानी या पर्यावरण या और किसी गंभीर मुद्दे पर उनकी सोच क्या है तो शायद साफ जवाब ही न मिले. अपनी सलाह के पद पर वरुण गांधी ने बच्चों से कहा कि अगर सबसे तेज चलना है, तो अकेले चलो लेकिन अगर दूर तक जाना है कुछ लोगों को साथ ले कर बढो.

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