
महाराष्ट्र के मुंबई में एक बार फिर से भाषाई राजनीति दिखने लगी है. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने मुंबई के दुकानदारों को 15 दिनों का अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि यहां सभी बोर्ड मराठी भाषा में लिखे होने चाहिए.
रविवार को कई मनसे कार्यकर्ता ब्लॉक प्रेसिडेंट सिद्धिधा के नेतृत्व में कांदीवली स्थित दुकानों पर पहुंचे. वो लगभग 20 दुकानों पर पहुंचे और उनसे अपनी दुकानों के बोर्ड बदलकर उन्हें मराठी भाषा में लिखने के लिए कहा. उनका कहना था कि आने वाले 15 दिनों में यहां लगे सभी बोर्ड मराठी भाषा में बदल जाने चाहिए.
इतना ही नहीं उन्होंने दुकानदारों को अपने बोर्ड मराठी भाषा में बदलने के लिए 15 दिनों का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो मनसे उनके खिलाफ एक्शन लेगी.
सिद्धिधा का कहना है कि सभी राज्यों में स्थानीय भाषा को महत्व दिया जाता है. मुंबई के अलावा हर जगह साइन बोर्ड वहां की स्थानीय भाषा में होते हैं. उन्होंने कहा कि मनसे प्रमुख राज ठाकरे के आदेश पर हम ऐसा कर रहे हैं. अगर दुकानदार इस आदेश को 15 दिनों में नहीं मानते तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब मनसे मुंबई में इस तरह के कदम उठा रहे हों. हाल ही में मनसे ने रेल अधिकारियों को 15 दिन के अंदर रेलवे परिसर से अवैध फेरीवालों को हटाने की धमकी दी थी और ऐसा नहीं होने पर ठाणे स्टेशन के बाहर फेरीवालों की पिटाई तक कर दी थी. इसके बाद मुंबई के मलाड में मनसे के खिलाफ फेरीवाले इकट्ठे हुए जिन्होंने जमकर मनसे कार्यकर्ताओं की पिटाई कर दी थी.