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भुजबल की जमानत पर बोले राज ठाकरे- BJP का अंत निश्चित

राज ठाकरे ने कहा, भुजबल को बेवजह लंबे समय तक जेल में रहना पड़ा. अगर यह जमानत राजनीतिक रूप से प्रेरित है तो लोगों को पता चल जाएगा और वे केवल फैसला करेंगे. मैं बस एक और बात कहना चाहता हूं कि बीजेपी को भी खत्म होना है, यह तय है.

राज ठाकरे राज ठाकरे
वरुण शैलेश
  • नई दिल्ली,
  • 05 मई 2018,
  • अपडेटेड 3:05 PM IST

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे ने एनसीपी नेता छगन भुजबल को आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले में अदालत से जमानत मिलने के बाद बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, "भुजबल को बेवजह लंबे समय तक जेल में रहना पड़ा. अगर यह जमानत राजनीतिक रूप से प्रेरित है तो लोगों को पता चल जाएगा और वे केवल फैसला करेंगे. मैं बस एक और बात कहना चाहता हूं कि बीजेपी को भी खत्म होना है, यह तय है."

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फरवरी में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल के समर्थक मुंबई नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे से मिले थे. भुजबल मनी लांड्रिंग के आरोप में मार्च 2016 से आर्थर रोड जेल में बंद थे. राज ठाकरे ने भुजबुल की कारावास के खिलाफ एक विरोध आंदोलन "अन्याय पर चर्चा" अभियान को अपना समर्थन दिया था. उन्होंने अभियान के प्रति अपना समर्थन जताया और प्रतिनिधिमंडल को सुझाव दिया कि "भुजबल छोड़ो आंदोलन" शुरू करे.

एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, "बहुत राहत मिली है, उम्मीद करते हैं कि भुजबुल साहेब का स्वास्थ्य जल्दी ठीक हो जाएगा." पूर्व उपमुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार ने भी कहा, "यह अच्छी खबर है कि छगन भुजबल को जमानत मिली, लेकिन यह दुख की बात है कि सरकार ने उन्हें उनके खिलाफ आरोप साबित किए बिना इतने लंबे समय तक जेल में रखा."

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बता दें कि शुक्रवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने छगन भुजबल को जमानत दे दी थी, लेकिन वह घर जाने में सक्षम नहीं होंगे क्योंकि उन्हें पैनक्रियाज के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मुंबई के केईएम अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है.

भुजबल महाराष्ट्र सदन (दिल्ली) घोटाले, इंडियाबुल्स घोटाले में लगभग दो वर्षों तक जेल में थे. उनके खिलाफ आरोप है कि उन्होंने इस घोटाले में कालाधन कमाया. इस मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें 14 मार्च 2016 को गिरफ्तार कर लिया था. भुजबल के खिलाफ प्राथमिक आरोप यह है कि उन्होंने महाराष्ट्र सदन (दिल्ली) और इंडियाबुल्स के सौदे से 870 करोड़ रुपये कमाए.

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