
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को दो दिवसीय यात्रा पर रूस पहुंचे हैं, जहां उन्होंने वहां के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की. क्रेमलिन में पुतिन ने मोदी की मेजबानी की. इस दौरान उन्होंने दोनों देशों के परस्पर हितों के मुद्दे पर चर्चा की.
मोदी ने इसकी जानकारी सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर दी. उन्होंने ट्वीट किया, 'राष्ट्रपति पुतिन से मिला और भारत-रूस संबंधों पर बात की. मुलाकात फलदायक रही.' इसके साथ ही पीएम ने दोनों की एक तस्वीर भी शेयर की, जिसमें वो एक-दूसरे से हाथ मिलाते दिख रहे हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने भी मोदी और पुतिन की तीन तस्वीरें पोस्ट करते हुए ट्वीट किया, 'डिनर पर द्रुझबा-दोस्ती बढ़ाई जा रही है. राष्ट्रपति पुतिन ने दोनों के बीच व्यक्तिगत बातचीत की मेजबानी की.'
शिखर सम्मेलन में होगी मुलाकात
मोदी और पुतिन गुरुवार को क्रेमलिन में 16वीं भारत-रूस सालाना शिखर वार्ता करेंगे. समझा जाता है कि इसके बाद दोनों पक्ष रक्षा, परमाणु उर्जा, हाइड्रो
कार्बन और व्यापार सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को व्यापक करने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे.
पीएम मोदी का गुरुवार का शेड्यूल
शाम 5.30 बजे सालाना द्विपक्षीय वार्ता होगी
- शाम 7.45 बजे कई सीईओ के साथ मुलाकात होगी
- रात 8.45 बजे समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे
- रात 9 बजे प्रेस बयान जारी किया जाएगा
- रात 10 बजे एक्सपो सेंटर में फ्रेंड्स ऑफ इंडिया इवेंट में शामिल होंगे
रूस यात्रा से पहले ही रूसी मिसाइल प्रणाली को मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूस दौरे से पहले ही भारत के रक्षा मंत्रालय ने मिसाइलों से लैस रूसी हवाई रक्षा प्रणाली 'एस-400 ट्रिम्फ' की पांच यूनिट की
खरीद को मंजूरी दे दी थी. इसके अलावा 25,000 करोड़ रुपये की अन्य परियोजनाओं को लेकर आगे बढ़ने को भी मंजूरी दे दी गई है.
आतंकवाद से निपटने पर होगी बात
द्विपक्षीय वार्ता के अलावा मोदी और पुतिन के बीच सीरीया के मौजूदा हालात और आतंकवाद से निपटने के उपायों सहित विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर बात
हो सकती है.
हर साल होती है शिखर वार्ता
पुतिन के साथ यह मोदी की दूसरी शिखर वार्ता है. पुतिन पिछले साल 15वें भारत रूस शिखर सम्मेलन के लिए भारत आए थे. 'खास और विशेषाधिकारों
वाले रणनीतिक संबंधों' के तहत साल 2000 से बारी-बारी से एक वर्ष मास्को में और एक वर्ष नई दिल्ली में यह द्विपक्षीय वार्ता होती है.