
सऊदी अरब में फंसे भारतीयों की दशा खैरात पर जी रहे गरीबों जैसी हो गई है. भारत सरकार ने अपने विदेश राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह को सऊदी भेजा है. वहां फंसे भारतीयों को एयर लिफ्ट कराने का ऑपरेशन भी शुरू हो चुका है, लेकिन मोदी सरकार सऊदी अरब पर दबाव नहीं बना पाई.
सऊदी को अपने खर्च पर लोगों को वापस भेजना चाहिए
केंद्र सरकार दबा बना सकती थी कि सऊदी अरब से सरकारी खर्चे पर भारतीयों को यहां भेजने का इंतजाम किया जाए. वहां उनके रहने, खाने और भारत वापसी का इंतजाम करवाया जाता. खैर सरकार भारतीय कामगारों को वहां से ले भी आएगी तो उनके पुनर्वास की जिम्मेदारी किसकी होगी. ये जिम्मा भी सरकार को उठाना पड़ सकता है.
जब्त किया जा रहा है भारतीय मजदूरों का वीजा
जनता दल (युनाइटेड) के नेता अली अनवर और स्वामी अग्निवेश ने सरकार को सलाह दी है कि एक उच्च स्तरीय दल सऊदी अरब जाकर वहां भारतीयों की दशा का जायजा ले और यहां संसद को अपनी रिपोर्ट दे. अली अनवर ने जेद्दा में फंसे पटना के एक इंजीनियर से हुई बातचीत का ब्योरा देते हुए कहा कि वहां बाहर निकलने पर भारतीयों का वीजा स्थानीय पुलिस जब्त कर सताती है.
सऊदी के राजदूत को बुलाकर दबाव बनाए सरकार
अनवर ने कहा कि कामगारों के पासपोर्ट पहले ही नियोक्ता कंपनियों ने जब्त कर रखे हैं. लिहाजा हालात बहुत खराब हैं. उनको खाना भी खैरात की तरह दिया जा रहा है. ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी थी कि वो सऊदी अरब के राजदूत को बुलाकर अपनी चिंताओं के अवगत कराती. साथ ही सऊदी सरकार को ये संदेश भेजती कि आखिर वो भारतीय नागरिकों की मदद क्यों नहीं कर रहे.
अग्निवेश बोले- आईएलओ में उठाएंगे मुद्दा
स्वामी अग्निवेश ने कहा कि आखिर सरकार की मजबूरी क्या है? क्या सऊदी सरकार ने मुस्लिम देश होने के बावजूद हिंदू मंदिर के लिए जगह दे दी इसलिए. या फिर हमारे देश के नेताओं को सर्वोच्च सम्मान दे दिया इसलिए. देश के नागरिकों की दशा तो वहां खराब है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार अपने स्तर पर कुछ नहीं करेगी तो हम पार्टी के स्तर पर कार्रवाई करेंगे. हम आईएलओ में जाकर सऊदी अरब में भारतीय कामगारों पर हो रहे अत्याचार का मामला उठाएंगे.