
भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस लेकर चलने वाली मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार कम करने के लिए एक और कदम आगे बढ़ाया है. मोदी सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ तेज डिपार्टमेंटल प्रोसीडिंग के लिए नया सिस्टम शुरू किया है. इस प्रोग्राम को "ऑनलाइन डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंग प्रोसेसिंग सिस्टम" नाम दिया गया है.
कार्मिक मंत्रालय में यह सिस्टम जारी करते हुए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा "प्रधानमंत्री ने 2-3 सालों में कई मुद्दों को लेकर बातचीत की है, लेकिन भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की बात उन्होंने बड़े स्तर पर की है. पीएम ने उसी आह्वान के तहत इस तरीके के कदम अब सरकार उठा रही है, जिसमें जो अधिकारी किसी भ्रष्टाचार में शामिल होता है तो उसके खिलाफ तेजी से कार्रवाई हो सके. जितेंद्र सिंह ने बताया कि इस सिस्टम से दोषी और बेकसूर अधिकारियों में फर्क किया जा सकेगा और उनके खिलाफ एक्शन लेना आसान होगा.
2 साल के अंदर होगी जांच
इस नए सिस्टम की मदद से 2 साल के अंदर किसी भी अधिकारी की डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंग की जांच हो सकेगी. इससे पहले इन तमाम चीजों को लेकर के 8 से 10 साल का समय लगता था. जानकारी के मुताबिक, मोदी सरकार ने पिछले सालों में 126 अधिकारियों का प्रीमेच्योर रिटायरमेंट भी दिया है. पीएम मोदी ने अधिकारियों की परफॉर्मेंस ठीक न होने पर ऐसा फैसला किया.
डीओपीटी से मिली जानकारी के मुताबिक, 39 आईएएस अधिकारियों के खिलाफ इस वक्त डिपार्टमेंटल जांच चल रही है. इसके अलावा केंद्रीय सचिवालय सर्विस के 29 अधिकारी भी जांच की रडार पर हैं.
आजतक को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, सीवीसी ने क्लास 'ए' के अधिकारियों की एक लिस्ट बनाई है. जिसमें
3,500 अधिकारियों को इस वक्त अलग-अलग तरीके के भ्रष्टाचार के मामलों में जांच का सामना करना पड़ रहा है. अब नए सिस्टम से अधिकारियों के खिलाफ चल रही कार्रवाई जल्द पूरी हो सकेगी.