Advertisement

भूमि अधिग्रहण बिल पर चौथी बार अध्यादेश लाएगी मोदी सरकार!

आम सहमति न बन पाने की वजह से मंगलवार को शुरू होने जा रहे संसद के मानसून सत्र के दौरान भूमि अधिग्रहण बिल को पेश किए जाने की संभावना नहीं है और इससे संबंधित अध्यादेश को अप्रत्याशित रूप से चौथी बार जारी किया जा सकता है.

संसद भवन संसद भवन
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 19 जुलाई 2015,
  • अपडेटेड 6:45 PM IST

आम सहमति न बन पाने की वजह से मंगलवार को शुरू होने जा रहे संसद के मानसून सत्र के दौरान भूमि अधिग्रहण बिल को पेश किए जाने की संभावना नहीं है और इससे संबंधित अध्यादेश को अप्रत्याशित रूप से चौथी बार जारी किया जा सकता है.

सरकारी सूत्रों ने बताया कि आम सहमति न बन पाने के कारण मानसून सत्र के दौरान विधेयक को संसद में पेश किए जाने की संभावना नहीं है. विधेयक पर विचार कर रही, बीजेपी सांसद एसएस अहलूवालिया की अध्यक्षता वाली, संयुक्त संसदीय समिति की योजना अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए दो सप्ताह का समय और मांगा है.

Advertisement

मई में जारी हुआ था तीसरा अध्यादेश
संकेत हैं कि समिति मानसून सत्र के दौरान अपनी रिपोर्ट नहीं दे पाएगी और समय में विस्तार की मांग कर सकती है. ऐसी स्थिति में सरकार के लिए अध्यादेश एक बार फिर जारी करना जरूरी हो जाएगा. तीसरी बार यह अध्यादेश 31 मई को जारी किया गया था. सूत्रों ने कहा कि समिति के समय में विस्तार इसलिए भी मांगा जा सकता है क्योंकि बिहार में सितंबर-अक्तूबर में विधानसभा चुनाव हैं और सरकार इन चुनावों के होने तक संसद के समक्ष विधेयक लाना नहीं चाहती.

13 अगस्त तक चलेगा सत्र
सरकार को भूमि अध्यादेश फिर से जारी करने में कुछ भी असामान्य नहीं लगता. सूत्रों के मुताबिक, 'कम से कम 15 अध्यादेशों को दो या अधिक बार जारी किया जा चुका है. एक अध्यादेश की अवधि छह माह होती है. अगर संसद सत्र शुरू होने के छह सप्ताह के अंदर उसे संसद की मंजूरी नहीं मिलती तो अध्यादेश को फिर से जारी करना होता है. संसद का मॉनसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हो कर 13 अगस्त तक चलेगा.

Advertisement

- इनपुट भाषा

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement