
मोदी सरकार गांधी परिवार से एक और सरकारी योजना को अलग कर रही है. केंद्र सरकार इस बार इंदिरा आवास योजना का नाम बदनले की तैयारी में है.
योजना में होंगे कई बदलाव
एक बिजनेस अखबार की खबर के मुताबिक, केंद्र सरकार इंदिरा आवास योजना का नाम बदलकर अब प्रधानमंत्री आवास योजना करेगी. एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि इस स्कीम में नाम के साथ भी और कई बदलाव किए जा रहे हैं. इस बात पर भी चर्चा चल रही है कि इस योजना में ग्रामीण शब्द को शामिल किया जाए या नहीं.
घरों को बड़ा करने का भी प्रस्ताव
इस योजना के तहत गरीबों के लिए घर बनाए जाते हैं. इस लिहाज से वोट बैंक के नजरिए से भी सरकार के लिए ये योजना काफी अहमियत रखती है. ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इस स्कीम में संशोधन से जुड़ा नोट पहले ही पेश कर दिया है. इसमें इस योजना के तहत बनने वाले घरों को बड़ा और महंगा भी बनाने का प्रस्ताव है. हर घर की लागत तकरीबन दोगुनी होकर 1.25 लाख हो जाएगी, जबकि इसके लिए मौजूदा आवंटन 75,000 रुपये प्रति महीना का है.
मरम्मत के लिए भी मिलती है मदद
नए डिजाइन में घर की रसोई पहले से ज्यादा बड़ी होगी और घर का कुल क्षेत्रफल 22 वर्ग मीटर से बढ़ाकर 25 वर्ग मीटर कर दिया जाएगा. सरकार इस योजना को ग्रामीण विकास से जुड़ी अन्य योजनाओं के साथ भी जोड़ने के प्रस्ताव पर काम कर रही है. इंदिरा आवास योजना के तहत मैदानी इलाकों में हर यूनिट के लिए 70,000 रुपये, पहाड़ी इलाकों में 75,000 रुपये और मरम्मत के लिए 15,000 रुपये की सहायता मिलती है.
लक्ष्य से आधे भी मकान नहीं बनाए गए
पिछले तीन सालों में इंदिरा आवास योजना के तहत बन रहे मकानों की संख्या में बहुत गिरावट आई है. इस योजना के तहत इस वित्त वर्ष में 9.80 लाख घर बनाए गए, जबकि लक्ष्य 25.19 लाख घरों का था. मकान बनाने में 10,764 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जबकि इस वित्त वर्ष में 16,000 करोड़ रुपये का अनुमान जताया गया था. केंद्र सरकार सरकार ने अगले सात साल में ग्रामीण हाउसिंग स्कीम के तहत 3 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य तय किया है.
दो योजनाओं के नाम पहले ही बदल चुकी है सरकार
मोदी सरकार पहले ही राजीव गांधी के नाम से जुड़ी दो योजनाओं के नाम बदल चुकी है. इनमें से एक योजना का नाम सरदार पटेल के नाम पर रखा गया है, जबकि दूसरी योजना में भारतीय जनसंघ के नेता दीनदयाल उपाध्याय का नाम शामिल किया गया है.