
अपराधी अब चाहे प्लास्टिक सर्जरी करवा ले या फिर किसी तकनीक से रंग-रूप ही बदल ले कानून की निगाह से बच नहीं सकेगा. सरकार संसद में अपराधियों के डीएनए रिकॉर्ड रखने का विधेयक पेश करने जा रही है. इसके अलावा मोदी सरकार संसद के मानसून सत्र में आठ नए विधेयक पेश करेगी. हालांकि, सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं, ऐसे में कितने विधेयक पास होंगे यह कहना थोड़ा मुश्किल है.
सरकार नए बिलों के साथ ही कुछ पुराने लंबित विधेयकों को भी पास करवाने के लिए जोर लगाएगी, जबकि विपक्ष की मंशा हंगामा बरपाने की है. आठ नए विधेयकों की फेहरिस्त सरकार ने विधायी कामों के एजेंडे में रखी है. संसदीय कार्य मंत्रालय ने विभिन्न मंत्रालयों से मिले प्रस्तावों के बाद इस सत्र के लिए 65 विधायी कामों की सूची तैयार कर ली है.
कई चर्चित विधेयकों पर रहेगी नजर
मानसून सत्र में पेश किए जाने वाले विधेयकों में कई काफी चर्चित बिल हैं. इनमें रोड ट्रांसपोर्ट एंड सेफ्टी बिल और अपराधियों के डीएनए रिकॉर्ड के डीएनए प्रोफाइलिंग बिल भी प्रमुख हैं. इनके अलावा कुछ पुराने कानूनों में संशोधन के विधेयक भी हैं. इनमें ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स, कंज्यूमर प्रोटेक्शन, मर्चेंट शिपिंग के अलावा पंचायत और नगर निकाय चुनावों में महिलाओं को आरक्षण देने वाले विधेयकों की भी पेशी होगी.
भूमि बिल और जीएसटी
सरकार भूमि अधिग्रहण और मुआवजा के लिए तीसरी बार जारी अध्यादेश की जगह लेने वाले विधेयक को भी इस सत्र में पेश करना चाहती है. कई विधेयक राज्यसभा में लंबित हैं. इनमें मेंटल हेल्थकेयर बिल, चाइल्ड लेबर प्रोहिबिशन एंड रेगुलेशन एमेंडमेंट बिल, प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एमेंडमेंट बिल, जुवेनाइल जस्टिस एमेंडमेंट बिल शामिल हैं. सेलेक्ट कमिटी से आए रियल स्टेट रेगुलेशन एंड डवलपमेंट बिल 2013 और जीएसटी को लेकर संविधान के 122वें संशोधन विधेयक पर भी चर्चा होगी.
इन सब के बीच विपक्ष सरकार की मंशा पर पानी फिराने के मूड में दिख रहा है. विपक्ष को लगता है कि सरकार पहले उसके सवालों के जवाब दे और चिंताओं पर चर्चा कराए. व्यापम घोटाला और उससे जुड़ी मौतों के अलावा विपक्ष सीमा पर पाकिस्तान की गुस्ताखी को लेकर भी सरकार को घेरने की कोशिश करेगी. हालांकि, संसद का सत्र शुरू होने से पहले सर्वदलीय बैठक में ही यह साफ जाएगा कि संसद सत्र में सरकार की चलेगी या विपक्ष की.