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ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ग्रुप की एक यूनिट ने भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि 2015 के बारे में अपने अनुमान को आंशिक रूप से सुधार कर इसके 7.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है.
पिछले साल थी 7.2 फीसदी वृद्धि दर
मूडीज के अनुमान के मुताबिक, 2014 में देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.2 फीसदी थी. इस फर्म की एक रिपोर्ट मे कहा गया है कि ब्याज दरों में कटौती से निजी क्षेत्र खर्च बढाएगा. मूडीज ऐनेलिटिक्स ने एक अध्ययन में कहा है, हमारे आकलन से स्पष्ट है कि पहली तिमाही में वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रही जो पिछली तिमाहियों से कम है. लेकिन हमें उम्मीद है कि यह गिरावट अस्थाई होगी क्योंकि घरेलू मांग में सुधार से भारत की 2015 में बढ़कर 7.5 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज करने में मदद मिलेगी.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का अनुमान
इससे पहले आज ही मूडीज एनेलिटिक्स ने 2015 के लिए वृद्धि 7.3 फीसदी रहने का अनुमान जताया था जिसे बाद में सुधार कर 7.5 प्रतिशत कर दिया गया .इस हफ्ते अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अनुमान जताया था कि भारत 2015-16 में चीन का पीछे छोड़कर सबसे अधिक तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था बन जाएगा और 7.5 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज करेगा. भारत को इस दिशा में हालिया नीतिगत पहल, निवेश में बढ़ोतरी और कच्चे तेल की कीमत में नरमी से मदद मिलेगी.
वर्ल्ड बैंक ने भी चालू वित्त वर्ष के लिए लगभग इसी तरह की वृद्धि का अनुमान जाहिर किया. मूडीज एनेलिटिक्स ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था क्रमिक तौर पर आने वाली उछाल के दौर में है और प्रगतिशील संकेतकों से पता चलता है कि घरेलू मांग में तेजी आ रही है.
-इनपुट भाषा से