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उदारवादी मून जे-इन बने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति, उत्तर कोरिया से वार्ता के पक्षधर

दक्षिण कोरिया के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ़ कोरिया के उम्मीदवार और उदारवादी विचारधारा के 'मून जे इन 'ने राष्ट्रपति पद का चुनाव जबरदस्त मतों से जीता. वाशिंगटन की एक रिपोर्ट के मुताबिक व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने मून को जीत के लिए मुबारकबाद दी.

दक्षिण कोरिया के चिनाव में मून को मिली जीत दक्षिण कोरिया के चिनाव में मून को मिली जीत
BHASHA
  • नई दिल्ली,
  • 10 मई 2017,
  • अपडेटेड 9:42 AM IST

दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति 'पार्क गून हे ' को भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण पद से हटाए जाने के बाद दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान शुरु हो गया. यह चुनाव उत्तर कोरिया के साथ तनाव के माहौल में संपन्न हुआ. चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ़ कोरिया के उम्मीदवार और उदारवादी विचारधारा के 'मून जे इन ' को मध्यमार्गी विचारधारा के आह्न चेओल-सू से कड़ी टक्कर मिलने की संभावना है. मून जे इन उत्तर कोरिया के साथ अच्छे संबंध बनाने के पक्ष में हैं जबकि पूर्व राष्ट्रपति पार्क गून हे ने उत्तर कोरिया के साथ सभी संबंधों को खत्म करना चाहते थे. 64 साल के मून इससे पहले 2012 में भी राष्ट्रपति चुनाव लड़े थे. लेकिन तब उन्हें पार्क गून हे से करारी हार का सामना करना पड़ा था.

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मून जे-इन ने चुनाव प्रचार के दौरान बहुमत का दावा करते हुए कहा कि पार्क गून हे को राष्ट्रपति पद से हटाने के बाद देश में विभाजन की स्थिती उत्पन्न हो गई है.उनके राष्ट्रपति बनने से यह विभाजन मिट सकता है. जबकि राज्यों में चुनाव प्रचार करते हुए आह्न चेओल-सू ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि वो चुनाव में वो ही जीतेंगे.

राष्ट्रीय चुनाव में मून को मतदाताओं का समर्थन
राष्ट्रीय चुनाव आयोग के अनुसार मतदाताओं ने डेमोक्रेटिक पार्टी के मून को 42.2 प्रतिशत मत का समर्थन दिया. जबकि मून के प्रतिद्वंद्वी होंग जून-प्यो को महज 25.2 प्रतिशत मत मिले और आह्न चेओल-सू को 21.5 प्रतिशत मत मिले. होंग ने मून को ‘उत्तर कोरिया समर्थक वामपंथी’ कहा था.  वाशिंगटन से एक रिपोर्ट के मुताबिक व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने मून को जीत के लिए मुबारकबाद दी.

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उल्लेखनीय है कि मून की जीत से उत्तर कोरिया के प्रति अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कठोर रूख को जटिलता का सामना करना पड़ सकता है.

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