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अरुण पुरी के सवाल पर मंत्री ने बताए नोटबंदी के फायदे, कहा- पूरी अर्थव्यवस्था में होगा सुधार

केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने नॉर्थ ईस्ट राइजिंग कॉन्क्लेव में कहा कि मोदी सरकार कालेधन पर जीरो टोलरेंस रखती है. लंबे समय में नोटबंदी का फायदा ये होगा कि जो वैधानिक पैसा इस देश से बाहर जाता है, वो देश में ही रहेगा.

केंद्रीय राज्य मंत्री जीतेंद्र सिंह केंद्रीय राज्य मंत्री जीतेंद्र सिंह
सुरभि गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 19 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 9:33 AM IST

नई दिल्ली के होटल ताज पैलेस में चल रहे नॉर्थ ईस्ट राइजिंग कॉन्क्लेव 2016 के दौरान इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन अरुण पुरी ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह से नोटबंदी को लेकर खास बातचीत की और इससे आम लोगों को होने वाले फायदे से जुड़े सवाल भी पूछे.

सवाल: पुराने बड़े नोटों की बंदी का कोई विरोध नहीं कर सकता, इसका सिर्फ स्वागत हो सकता है. मेरा मानना है कि हमारे देश में 95 फीसदी लोग ईमानदार हैं, सिर्फ 5 फीसदी और इससे भी कम लोग काला धन बनाते हैं. आपको पता है कि भारत ग्रामीण और नकद पर आधारित समाज है. अपने ही पैसे बदलने के लिए लंबी लाइनों में खड़े लोगों को काफी तकलीफ हो रही है, सरकार के इस फैसले उन्हें क्या फायदा होगा?

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जवाब: मेरा मानना है कि देश में बेईमानों की संख्या बुहत ही कम है इसलिए भारत को बईमानों का देश कहना गलत होगा. ये कुछ गिने चुने लोग ही अन्य 95 फीसदी ईमानदार लोगों पर भारी पड़ रहे हैं. उनकी गाढ़ी कमाई को खा रहे हैं. हमें इससे निपटने की जरूरत है और यह नोटबंदी इसे ही ध्यान में रखते हुए किया गया है. अगर आप उन्हें कालाधन उगाहने की प्रक्रिया में बने रहने देना चाहते हैं और 95 फीसदी जनता को इससे त्रस्त होते हुए देखना चाहते हैं, तो आप देश के साथ बेईमानी कर रहे हैं और सरकार में रहते हुए हम ऐसा नहीं करना चाहते, कम से कम मोदी सरकार तो नहीं. मोदी सरकार कालेधन पर जीरो टोलरेंस रखती है. लंबे समय में इसका ये फायदा होगा कि जो वैधानिक पैसा इस देश से बाहर जाता है, वो देश में ही रहेगा. ब्याज दरों में कमी आएगी, बैंकों में ज्यादा पैसे होंगे और पहले से घोषित नीतियों को बढ़ावा मिलेगा. कुलमिलाकर इससे अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और आज लाइन में लगे लोग ही आखिरकार सशक्त होंगे. बैंकों में जमा हुए पैसों से जनता के हितों में काम लाया जा सकेगा.

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सवाल: काला धन कमाने वाले सरकार के पैसे लूट रहे थे. अब सरकार को ज्यादा पैसे मिलेंगे. क्या यह मोदी सरकार की ‘न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन’ के मॉडल से जुड़ा है?

जवाब: नहीं, मैं इससे सहमत नहीं हूं. अधिकतम शासन सरकारें ही तय करती हैं. सरकार को ही यह सुनिश्चित करना होता है कि वो शासन पर खुद को लादने से अलग कर कब आपको स्वयं संचालन की इजाजत दे रही है. यह एक प्रजातांत्रिक देश है और वर्तमान सरकार ईमानदार है. ये पैसे सरकारी खजाने का है और इसकी उपयोगिता देश के लोगों के लिए है. इससे देश के लोगों को ही फायदा पहुंचेगा.

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