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रेटिंगः 4 स्टार
डायरेक्टरः अलहेंद्रो गोंजालिज इन्यारिटू
कलाकारः लियोनार्डो डिकैप्रियो, टॉम हार्डी, पॉल एंडरसन और फॉरेस्ट गुडलक
'बेबल', 'ब्यूटीफुल' और 'द बर्डमैन' जैसी बेहतरीन फिल्में बनाने वाले अलहेंद्रो गोंजालिज इन्यारिटू ने कहीं कहा था, 'मेरा सामान्य एकेडमिक रिकॉर्ड नहीं रहा है. मैने कभी सिनेमा की पढ़ाई भी नहीं की. मैंने सब कुछ जीवन से सीखा है.' जिंदगी के इसी सबक ने ही इंटरनेशनल सिनेमा में उनका खास मुकाम कायम कर दिया है. वह इस बार एक मसाला फिल्म लेकर आए हैं लेकिन क्लासिक अंदाज में. उन्होंने अपनी फिल्म बनाने की कला से दिखाया है कि कैसे बदले की सामान्य-सी कहानी को अद्भुत फिल्म में तब्दील किया जा सकता है. ऐसे अंदाज में कि दर्शक फिल्म के लीड कैरेक्टर के साथ इस कद्र जुड़ जाएं कि उसके साथ होने वाली हर बात को गहराई तक महसूस करें.
'द रेवेनेंट' माइकेल पंक की इसी नाम से किताब पर आधारित है. यह कहानी ह्यू ग्लास नाम के फ्रंटरियरमैन के जीवन की सच्ची घटनाओं पर आधारित है. इससे पहले उनके जीवन पर 'मैन इन द वाइल्डरनैस' (1971) नाम से भी फिल्म बन चुकी है. फिल्म में अमेरिका के मूल निवासियों पर अत्याचार की बात नेपथ्य में चलती रहती है और गोरे लोगों के उनके साथ करने वाले अत्याचार पूरी फिल्म में गूंजते रहते हैं. ह्यू कि मूल निवासियों से सहानुभूति है. एक दिन उसकी मुठभेड़ भालू से होती है और वह बुरी तरह से घायल हो जाता है. उसके साथी उसे कड़ाके की ठंड के बीच मरने के लिए छोड़ जाते हैं. उसका एक साथी फिटजेराल्ड (टॉम हार्जी) मूल निवासियों से नफरत करता है और ह्यू के बेटे का कत्ल कर देता है. बस यहीं से सरवाइवल की जंग शुरू होती है, और दम तोड़ता एक बंदा मौत से लड़ने लगता है और अपने बेटे का बदला भी उसे लेना है. यह सब बातें हैरतअंगेज रूप में सामने आती हैं. फिल्म में रिश्तों को लेकर संवेदनाएं हैं तो विपरीत हालात से जूझना भी दिखाया गया है और रौंगटे खड़े कर देने वाले दृश्यों की भी कोई कमी नहीं है. वैसे भी फिल्म का नाम 'द रेवेनेंट' है, यानी मौत से लौटकर आने वाला.
इन्यारिटू की फिल्में कहानी के नए ढंग और सिनेमैटोग्राफी के नए प्रयोगों के लिए जानी जाती है, और वह सिनेमा को चुनौती भरा काम मानते हैं और इन चुनौतियों का बखूबी सामना करने में भी यकीन रखते हैं. 'द रेवेनेंट' की शूटिंग को अमेरिका, कनाडा, और अर्जेटीना में अंजाम दिया गया है. फिल्म की शूटिंग -30 से -40 डिग्री तापमान के बीच भी की गई है. यही नहीं, उन्हें अपने क्रू के साथ लोकेशन तक पहुंचने के लिए रोजाना लगभग दो से ढाई घंटे तक का सफर भी तय करना पड़ता था. फिल्म को नेचुरल लाइट में ही शूट किया गया है. इस तरह फिल्म की शूटिंग धीमी रफ्तार से चलती थी. फिल्म में दृश्यों के लिए बहुत ज्यादा स्पेशल इफेक्ट्स का इस्तेमाल नहीं हुआ है और सभी सीन प्रकृति की गोद में शूट किए गए हैं. फिल्म का ओपनिंग सीन शूट करने से पहले, एक महीने की रिहर्सल की गई थी.
इन्यारिटू की यह फिल्म बहुत ही आसानी से समझ में आती है और बॉलीवुड फिल्म प्रेमियों के लिए भी हॉलीवुड की तरफ से ऐसी सौगात है जो उन्हें भरपूर मजा देती है. जिसमें एक्शन, बदला और प्रेम जैसे सभी पहलू हैं, जो उसे बांधे रखने के लिए काफी हैं. हॉलीवुड और बॉलीवुड दोनों ही फिल्म प्रेमियों के लिए 'द रेवेनेंट' किसी ट्रीट से कम नहीं है.