
शिवराज सिंह सरकार ने इस साल अप्रैल में गरीबों को 5 रुपए में खाना मुहैया कराने की जिस ‘दीनदयाल रसोई योजना’ का जोरशोर से एलान किया था, वो सरकार की ओर से आर्थिक सहायता रिलीज नहीं किए जाने से दम तोड़ने के कगार पर आ गई थी.
इस मुद्दे को एक हफ्ता पहले ‘आज तक’ पर प्रमुखता से उठाए जाने का असर हुआ और शासन-प्रशासन की नींद टूटी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में दीन दयाल रसोई योजना चलाने वाले संचालक को प्रशासन की ओर से 2 लाख, 38 हजार रुपए के चेक प्रदान किए गए हैं.
बता दें कि मध्य प्रदेश के तमाम जिलों में इस साल अप्रैल से इस योजना का संचालन किया जा रहा है. दीनदयाल उपाध्याय जन्मशती समारोह के तहत शुरू की गई इस योजना का मुख्यमंत्री चौहान ने 7 अप्रैल 2017 को ग्वालियर में उद्घाटन किया था. तमिलनाडु की अम्मा कैंटीन की तर्ज पर तमाम जिलों में रसोई योजना चलाने वालों को शिकायत थी कि अप्रैल से अब तक इस योजना को अपनी जेब से ही चलाते आ रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से कोई आर्थिक सहायता नहीं मिली.
संचालकों का कहना था कि वो अब तक 8-8 लाख रुपए तक अपनी जेब से खर्च कर चुके हैं. इन संचालकों ने अल्टीमेटम भी दिया था कि अगर प्रशासन की ओर से आर्थिक मदद नहीं मिली तो उनके पास इस योजना को बंद करने के अलावा कोई चारा नहीं रहेगा. यहां तक कि मुख्यमंत्री के गृह जिले सीहोर में ही रसोई योजना के संचालक प्रदीप शर्मा ने इसे आगे चलाते रहने में असमर्थता प्रकट कर दी थी.
एक हफ्ता पहले ‘आज तक’ ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया. इसका तत्काल असर भी दिखा. प्रशासन ने कुंभकर्णी नींद से जागते हुए सीहोर में दीनदयाल रसोई योजना के संचालक प्रदीप शर्मा को दो चेक प्रदान किए. इसमें एक चेक डेढ़ लाख रुपए का और दूसरा 82 हजार रुपए का है. प्रदीप शर्मा ने प्रशासन की ओर से सहायता राशि मिलने के बाद ‘आज तक’ को शुक्रिया कहा है. जाहिर है इस घटनाक्रम से उन लोगों ने भी राहत की सांस ली होगी जो हर दिन 5 रुपए में खाना खाने के लिए ‘रसोई’ में आते हैं.