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धोनी के समर्थन में आए संजय मांजरेकर, कहा- लगा गलत जुर्माना

टीम इंडिया के कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी और बांग्लादेशी तेज गेंदबाज मुस्तफिजुर रहमान के बीच गुरुवार को मीरपुर वनडे मैच के दौरान हुई टक्कर में दोनों खिलाड़ियों पर जुर्माना लगाया गया.

मैच के बाद बांग्लादेशी विकेटकीपर से हाथ मिलाते धोनी मैच के बाद बांग्लादेशी विकेटकीपर से हाथ मिलाते धोनी
नमिता शुक्ला
  • नई दिल्ली,
  • 20 जून 2015,
  • अपडेटेड 11:47 PM IST

टीम इंडिया के कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी और बांग्लादेशी तेज गेंदबाज मुस्तफिजुर रहमान के बीच गुरुवार को मीरपुर वनडे मैच के दौरान हुई टक्कर में दोनों खिलाड़ियों पर जुर्माना लगाया गया. पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर संजय मांजरेकर इस फैसले से नाखुश हैं और उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में धोनी की कोई गलती नहीं थी.

संजय ने रेफरी के फैसले के बाद ट्वीट किया-

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संजय ने ट्वीट में लिखा, 'धोनी पर गलत जुर्माना लगाया गया. वही गेंदबाज मैच के दौरान पहले भी दो बार बल्लेबाजों के रास्ते में आ चुका था.' इसके अलावा संजय ने भारतीय बल्लेबाजों को इस गेंदबाज से निपटने की सलाह भी ट्विटर के जरिए दी. उन्होंने ट्वीट किया-

अपना पहला मैच खेल रहे मुस्तफिजुर ने तमाम दिग्गज क्रिकेटरों को प्रभावित किया और संजय भी इससे अछूते नहीं रहे. मैच के बाद उन्होंने ट्वीट किया था-

आपको बता दें भारत और बांग्लादेश के बीच जारी तीन मैचों की वनडे सीरीज का पहला मैच मीरपुर में गुरुवार को खेला गया था. इस मैच में भारत को 79 रनों की शिकस्त झेलनी पड़ी. मैच के दौरान मुस्तफिजुर के एक ओवर में धोनी को उन्हें कोहनी मारते हुए देखा गया था. मुस्तफिजुर रन लेते हुए भारतीय बल्लेबाजों के बीच में आकर खड़े हो जा रहे थे.

ऐसे लगा दोनों खिलाड़ियों पर जुर्माना
शुक्रवार को मैच रेफरी ने धोनी पर मैच फीस का 75 फीसदी और मुस्तफिजुर पर मैच फीस का 50 फीसदी जुर्माना लगाया था. दोनों खिलाड़ियों को आईसीसी आचार संहिता की धारा 2.2.4 के तहत दोषी पाया गया. दोनों खिलाड़ियों ने कहा था कि वे दोषी नहीं है जिसके बाद मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की जिसमें टीवी फुटेज का इस्तेमाल का सहारा लिया गया. मैच अधिकारियों के अलावा सुनवाई में दोनों खिलाड़ियों और उनके प्रबंधकों ने हिस्सा लिया.

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मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट ने कहा, ‘सुनवाई में धोनी ने यह कहते हुए आरोपों से बचाव किया कि गेंदबाज गलत दिशा में थे और टकराव को रोकने के लिए उन्होंने हाथ का इस्तेमाल किया था. उन्होंने ऐसा संभावित टक्कर के बचने के प्रयास के लिए किया था.’

'धोनी ने नहीं मारा जानबूझकर धक्का'
पायक्रॉफ्ट ने कहा, ‘हालांकि मेरा आकलन सही नहीं था कि धोनी ने जानबूझकर मुस्तफिजुर को धक्का दिया था. रैना और गेंदबाज के बीच बहुत कम अंतर होने के बावजूद अनुभवी धोनी को संपर्क रोकने का प्रयास करना चाहिए था क्योंकि क्रिकेट ऐसा खेल नहीं है जिसमें शारीरिक संपर्क हो और खिलाड़ियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वह हर समय शारीरिक संपर्क से बचे. इसी आधार पर मैंने धोनी पर 75 फीसदी का जुर्माना लगाया.’ शुरुआत में आरोपों से इनकार करने वाले मुस्तफिजुर ने सबूत पेश किए जाने के बाद प्रस्तावित धाराओं के तहत आरोप स्वीकार लिया.

'मुस्तफिजुर ने कबूली अपनी गलती'
पायक्रॉफ्ट ने कहा, ‘मुस्तफिजुर पर उसके मैच फीस का 50 फीसदी जुर्माना लगाया. उसने यह स्वीकार कर लिया कि जिस तरह वह बल्लेबाज के रास्ते में आया वह गलत था और उसे संपर्क से बचने के लिए कुछ और करना चाहिए था.’ उन दोनों पर यह आरोप फील्ड अंपायर रॉड टकर और एनामुल हक के अलावा तीसरे अंपायर अनिसुर रहमान और चौथे अंपायर मसादुर रहमान ने लगाया था.

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'टीम और मैनेजमेंट धोनी के साथ'
विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक टीम प्रबंधन ने सामूहिक रूप से फैसला लिया था कि कप्तान को इस मामले में दोषी नहीं माना जाएगा क्योंकि उन्होंने गेंदबाज को जानबूझकर नुकसान पहुंचाने की कोशिश नहीं की थी. इसके बाद टीम ने आरोप का विरोध करने का फैसला लिया.

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