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उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ऐन पहले सूबे के सबसे ताकतवर सियासी यादव परिवार में मचा सियासी कलह थमने का नाम नहीं ले रहा है. सपा मुखिया मुलायम सिंह ने सोमवार को भाई शिवपाल यादव और बेटे अखिलेश यादव के बीच चल रहे घमासान को शांत करने की भरपूर कोशिश की. इस दौरान मुलायम, शिवपाल और अखिलेश ने अपनी-अपनी बात रखी. कुछ ऐसे मसले सामने आए, जिसपर यादव परिवार के इन सियासी महारथियों ने अपने तर्क दिए.
1. सत्ता के बंटवारे पर:
अखिलेश
मैं नेताजी के आशीर्वाद से सीएम बना हूं. सब नेताजी का है. सपा नेताजी की पार्टी है. इस पार्टी में मेरा कुछ भी नहीं है. मैंने सिर्फ काम जनता के लिए
किया है. टिकट का बंटवारा मैं ही करूंगा.
शिवपाल
नेताजी के आदेश पर पार्टी अध्यक्ष बना हूं. क्या मैंने सीएम से कम काम किया है. यूपी का नेतृत्व नेताजी संभालें. मुझे पार्टी चलाने की छूट मिले.
मुलायम
(अखिलेश से) आपके ऊपर भी यहां कई लोग हैं. पद पाने से आपका दिमाग खराब हो गया है. क्या अकेले चुनाव जीता सकते हो? तुम्हारी हैसियत क्या है?
2. समाजवादी पार्टी के अस्तित्व पर:
मुलायम
मैं जानता हूं कि समाजवादी पार्टी कभी टूट नहीं सकती. हम मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. हमें हमारी कमजोरी दूर करनी होगी और एक-दूसरे से लड़ना
छोड़ना होगा.
शिवपाल
नेताजी के खून पसीने से ये पार्टी बनी है. किसी के नारे लगाने से सरकार नहीं बनेगी. पार्टी में गुंडों, धूर्तों और मक्कारों की भरमार है. नेताजी अब आपको
नेतृत्व संभालने की जरूरत है.
अखिलेश
मेरे पिता मेरे लिए गुरु हैं. नेताजी ने मुझे अन्याय से लड़ना सिखाया. मैं अलग पार्टी क्यों बनाऊंगा. कई लोग गलतफहमी पैदा कर रहे हैं. मैंने हमेशा पार्टी
को आगे बढ़ाने का काम किया है. अगर मैंने कोई सीमा लांघी है तो माफ करना.
3. अमर सिंह पर:
अखिलेश
कुछ लोग मेरे और नेताजी के खिलाफ काम कर रहे हैं. नेताजी के खिलाफ और पार्टी के खिलाफ साजिश हुई तो मैं शांत नहीं रहूंगा. अमर सिंह का बयान
मुझे आहत करने वाला था. अमर सिंह खलनायक हैं.
मुलायम
अमर सिंह मेरा भाई है. अमर सिंह के खिलाफ मैं एक शब्द नहीं सुन सकता. अमर सिंह ने कई बार हमारी मदद की है. उसे गाली देते हो. अगर अमर
सिंह मुझे नहीं बचाते तो मुझे सात साल की सजा होती. तुम किसी को गाली दोगे तो क्या वो तुम्हारे पैर छुएगा.
शिवपाल
2003 में अमर सिंह की मदद से सरकार बनी थी. सीएम की शह पर अफसरों ने मेरी बात नहीं मानी. कुछ लोग अमर सिंह के पैरों की धूल के बराबर नहीं
हैं.
4. पार्टी में अंधेरगर्दी पर:
मुलायम
(अखिलेश से) क्या जुआरियों और शराबियों की मदद कर रहे हो? क्या अकेले चुनाव जीता सकते हो? तुम्हारी हैसियत क्या है? नारेबाजी करने वालों को
निकाल बाहर करेंगे. नारे लगाने वालों को पता है क्या, हम कैसे लड़े हैं.
शिवपाल
अगर जरूरत पड़ी तो हम लोगों को पार्टी से निकालेंगे. नेताजी ने पार्टी को खड़ा करने में काफी संघर्ष किया. आज जहां पार्टी खड़ी है, वो सिर्फ नेताजी की
वजह से है. मैंने भी पार्टी के लिए बहुत योगदान दिया है. अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
अखिलेश
साजिश करने वालों पर कार्रवाई हुई है. नेताजी ने मुझसे कहा कि तुम प्रजापति को बचाते क्यों नहीं. नेताजी ने मुझसे कहा कि सीएम बचाएगा तो प्रजापति
बच जाएगा. पर मैंने उनसे कहा कि वो मेरी सुनता नहीं है.
मुलायम के कहने पर अखिलेश चाचा शिवपाल के गले भी मिले लेकिन इसके बाद दोनों एक दूसरे के गले पड़ गए. दोनों के बीच मंच पर खुलेआम बहस हुई और हाथापाई की नौबत तक आ गई. आखिरकार सपा की साख बचाने की मुलायम की कोशिश फिलहाल नाकाम होती दिख रही है और परिवार में कलह जारी है.