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साल 2002-2003 मुंबई बम धमाका मामले में अभियोजन पक्ष के एक गवाह ने सनसनीखेज खुलासा किया है. स्पेशल कोर्ट में सुनवाई के दौरान गवाह ने कहा कि 12 साल पहले क्राइम ब्रांच की पुलिस ने हिरासत में न सिर्फ उसे जमकर पीटा बल्कि जबरन एक अन्य आरोपी का पेशाब पिलाया.
गवाह ने अपने बयान में कहा, 'मुझे जबरन गटर का पानी और पेशाब पिलाया गया. यह सही है कि मुझसे मेरे साथी आरोपी का पेशाब पीने को कहा गया और उसे मेरा.' गवाह ने आगे बताया कि पुलिस ने उसे आवारा कुत्ते के साथ सेक्स करने पर भी मजबूर किया और 24 अप्रैल 2013 से लेकर 17 मई 2013 तक हिरासत में उसे लगातार पीटा गया.
गौरतलब है कि 6 दिसंबर 2002 को मुंबई सेंट्रल स्टेशन, 27 जनवरी 2003 में विले पार्ले और 13 मार्च 2003 को मुलुंद ट्रेन में धमाका किया गया था. पुलिस ने मामले में 16 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है.
बीते 23 अप्रैल पर सुनवाई के दौरान जब गवाह से बचाव पक्ष के वकील ने कथित टॉर्चर के बारे में पूछा तो उसने कहा कि वह उन गंदी बातों को सबके सामने नहीं कह सकता. पुलिस ने गवाह के आरोपों को खारिज किया है.