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मुंबई में साढ़े पांच साल में 49179 हादसे, 987 लोगों की हुई मौत

आरटीआई कार्यकर्ता की दायर आरटीआई के जवाब में बृहन्मुंबई महानगरपालिका द्वारा पेश किए आंकड़ों में ये बात सामने आई है कि पिछले साढ़े पांच साल में शहर में कितने हादसों हुए और इनमें कितने लोगों ने अपनी जान गंवाई.

फाइल फाेटो फाइल फाेटो
राहुल झारिया/मयूरेश गणपतये
  • मुंबई,
  • 26 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 4:01 PM IST

भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में पिछले साढ़े पांच साल में मुंबई में 49179 हादसों में 987 लोगों ने अपनी जान गंवाई है. इन हादसों में 3066 लोग जख्मी भी हुए. यह आंकड़े दायर की गई आरटीआई में मांगे जाने पर बीएमसी की ओर से मुहैया कराए गए हैं. आरटीआई कार्यकर्ता शकील अहमद शेख ने ये आरटीआई दाखिल की थी.

शकील अहमद ने आपातकाल व्यस्थापना विभाग से जानकारी मांगी थी कि 2013 से 2018 तक मुंबई शहर में कितने हादसे हुए हैं और इनमें कितने लोगों की मौत हुईं है. साथ ही कितने लोग जख्मी हुए है इसकी भी जानकारी मांगी थी.

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विभाग द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम-2005 के अंतर्गत उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार 2012 से जुलाई 2018 तक कुल 49179 हादसे हुए. जिनमें 987 लोगों की मौत हुई. इनमें 3066 लोग जख्मी हुए हैं.

2013 में कुल 7229 हादसे आग लगने के हैं. इनमें 215 लोगों की मृत्यु हुई है. जिसमें 149 पुरुष और 66 महिलाएं हैं. साथ ही इनमें कुल 636 लोग जख्मी हुए है. जिसमें 436 पुरुष और 200 महिलाएं हैं.

2014 में कुल 7214 हादसों में 140 लोगों की मौत हुई. जिसमें 120 पुरुष और 20 महिलाएं हैं. वहीं 490 जख्मियों में 331 पुरुष हैं.

2015 में कुल 7418 हादसों में जान गंवाने वाले लोगों में 147 की मौत हो गई. जिसमें 110 पुरुष और बाकी 37 महिलाएं हैं. इन हादसों में जख्मी हुए 494 लोगों में 187 महिलाएं हैं.

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2016 के हादसों पर नजर डालें तो कुल 9037 हादसों में 163 लोगों की जान गई. जिसमें 132 पुरुष और 31 महिलाएं हैं. 541 जख्मियों में 367 पुरुष और 174 महिलाएं हैं.

2017 में 226 लोग की मौत 11524 हादसों में हुई. इसमें 105 पुरुष और 121 महिलाएं हैं. इसी साल कुल 526 लोग जख्मी हुए है. जिसमें 359 पुरुष और 167 महिलाएं हैं.

2018 से जुलाई 2018 तक कुल 6730 हादसों में 96 लोगों की मौत हुई है. जिसमें 75 पुरुष और 21 महिलाएं हैं. इस दौरान हुए हादसों में 379 लोग जख्मी हुए है. जिसमें 250 पुरुष और 129 महिलाएं हैं.

इन हादसों में पेड़ या पेड़ की डाली गिरना, भूस्खलन, घर या घर का कोई हिस्सा (दीवार शामिल), इमारत या इमारत का हिस्सा गिरना, आग, शॉर्ट-सर्किट, गैस लीकेज, रास्ते पर ऑइल गिरना, समुद्र, नाला, नदी, कुआं, खाड़ी, खदान, मेनहोल में गिरना या उनमें फंसकर मरना शामिल है.

मिली जानकारी के अनुसार सन 2013 से 2018 जुलाई तक पेड़, पेड़ की डाली गिरने की कुल 21452 हादसे हुए. 30 लोगों की मौत हुई है. वहीं, 256 लोग इनमें जख्मी हुए हैं. वहीँ 71 भूस्खलन की घटनाओं में 7 लोगों ने अपनी जान गंवाई.

वहीं कुल 2704 घर/घर का हिस्सा/दीवार/इमारत/इमारत का हिस्सा गिरने की घटनाएं हुई जिसमें 234 की मौत हो गई. 840 लोग इन हादसों में जख्मी हुए हैं.

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20074 आग/शॉर्ट-सर्किट की घटनाओं में 208 की मौत हुई है और 1077 लोग जख्मी हुए.

गैस लीकेज से जुड़े हादसों की बात करें तो 1291 घटनाएं हुई. जिनमें 7 लोगो की मौत हुई और 71 जख्मी हुए. 1119 हादसे रास्ते पर ऑइल गिरने के सामने आए. इनकी चपेट में आकर 22 लोगों ने जान गंवाई और 292 जख्मी हुए.

समुद्र/नाला/नदी/कुआं/खाड़ी/खदान/मेनहोल में गिरने की 639 घटनाएं हुई हैं. इनमें 328 लोगों की मौत हुई और 167 लोग जख्मी हुए हैं. शकील अहमद शेख के अनुसार सबसे ज्यादा समुद्र/नाला/नदी/कुआं/खाड़ी/खदान/मेनहोल में गिरने की घटनाएं सबसे ज्यादा हुई हैं, जिसमें 328 लोगों की मौत हुई.

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