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मुरुड हादसाः सेल्फी लेने के चक्कर में डूबे थे छात्र, बहा ले गई थी पानी की लहर

महाराष्ट्र में रायगढ़ के मुरुड बीच पर सोमवार को डूबने से 14 छात्रों की मौत हुई थी. बताया जा रहा है कि वो सेल्फी खींचने के चक्कर में डूब गए थे.

14 छात्रों की डूबने से हो गई थी मौत 14 छात्रों की डूबने से हो गई थी मौत
मोनिका शर्मा
  • रायगढ़,
  • 02 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 6:36 PM IST

आजकल सेल्फी का चलन इतना बढ़ गया है कि ये लोगों को मौत के मुंह तक धकेलने लगी है. सोमवार को महाराष्ट्र में रायगढ़ के मुरुड बीच पर भी जिन 14 कॉलेज छात्रों की मौत हुई, उसका कारण भी सेल्फी ही थी. कॉलेज की तरफ से पिकनिक पर आए ये सभी छात्र दरअसल सेल्फी ही ले रहे थे, जिस वक्त ये समुद्र के तेज बहाव में बह गए .

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अलीबौग के मुरुड बीच पर पिकनिक मनाने गए पुणे के एक कॉलेज के 116 छात्रों को कहां पता था कि उनके इस ट्रिप का अंत इतना भयानक और दर्दनाक होगा. वो 14 छात्र भी कहां जानते थे, कि ये उनकी जिंदगी का आखिरी ट्रिप होने वाला था. लेकिन एक छोटी सी गलती इन सभी को जिंदगी भर के लिए ले डूबी.

एक अंग्रेजी वेबसाइट की खबर के मुताबिक एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि फैकल्टी मेंबर्स ने टोसालकर वाडी जाने का फैसला किया जबकि कुछ छात्रों ने वहां रुकने की जिद की. टीचर्स ने उन्हें सख्ती से कहा था कि वो पानी के अंदर न जाए. हालांकि प्रफेसर्स के जाने के बाद कुछ छात्रों ने पानी के अंदर जाना शुरू कर दिया. अचानक पानी की ऊंची लहर आई . इससे पहले कि वो संभल पाते, लहर सभी को बहाकर ले गई.

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हादसे में बची एक छात्रा ने बताया कि वो सुबह करीब 11 बजे मुरुड बीच पहुंचे थे. कुछ छात्रों ने तैरने की इच्छा जताई तो फैकल्टी मेंबर्स ने कहा कि किला और बाकी जगहों को देखने के बाद वो पानी में जा सकते हैं. करीब 2 बजे सभी छात्र वापस बीच पर लौटे. हमने खेलने का फैसला किया जबकि कुछ छात्र पानी के अंदर जाकर तस्वीरें और सेल्फी खिंचवाने लगे. करीब 3.30 बजे ऊंची लहरों ने किनारे पर आना शुरू कर दिया. लंच का समय था इसलिए जो छात्र खाना चाहते थे, वो अपने टिफिन बॉक्स लेने के लिए बस के पास चले गए जबकि कुछ छात्रों ने पानी में खेलना जारी रखा. इससे पहले कि किसी को अहसास होता, एक तेज लहर आई और सभी छात्रों को गहराई की तरफ बहाकर ले गई. कई छात्र उन्हें बचाने के लिए पानी में कूद गए. जिन लोगों को बचाया जा सका, उन्हें फौरन अस्पताल भेजा गया.

घटना की जानकारी मिलने पर इंडियन कोस्ट गार्ड की टीम मे बीच पर सर्च ऑपरेशन शुरू किया. सर्च ऑपरेशन के लिए एक इंटरसेप्टर क्राफ्ट CG 117 और एक चेतक हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया गया. सरकार ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख मुआवजा देने का ऐलान किया है.

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