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कश्मीरी पंडितों के लिए घाटी में कंपोजिट टाउनशिप प्लान से धुंध के बादल हटाते हुए गृह मंत्रालय ने कहा है कि यह प्रस्ताव सिर्फ पंडितों के लिए नहीं, कश्मीरी मुसलमानों के लिए भी है.
गौरतलब है कि टाउनशिप प्लान के ऐलान के बाद केंद्र सरकार से नाराज अलगाववादियों ने प्रदर्शन किया था. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने अलगाववादियों के आरोप को 'प्रोपेगेंडा ' बताते हुए कहा, 'अगर मुसलमान चाहें तो वह अपने संसाधनों से टाउनशिप में प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं और वहां रह सकते हैं. चूंकि यह कश्मीरी पंडितों के लिए पुनर्वास योजना है, इसलिए सिर्फ उन्हीं को अनुदान दिया जाएगा और कम से कम 50 फीसदी घर उनके लिए रिजर्व रखे जाएंगे.'
जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से केंद्र को भेजे गए प्रस्ताव के मुताबिक, पंडित परिवारों को 20-20 लाख रुपये दिए जाएंगे, जिससे वह टाउनशिप में घर खरीद सकें. गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि प्लान में ऐसा कुछ नहीं है कि यह टाउनशिप सिर्फ कश्मीरी पंडितों के लिए होगी.
टाउनशिप योजना के तहत सरकार करीब 10 हजार विस्थापित कश्मीरी पंडितों को दोबारा बसाने की योजना बना रही है. प्रस्ताव के मुताबिक, हर टाउनशिप में 2500 परिवार बसाए जाएंगे. अब तक श्रीनगर और अनंतनाग, दो शहरों को टाउनशिप बनाने के लिए चुना गया है. सूत्रों ने बताया कि अगर जमीन कहीं और अधिग्रहित की गई तो वहां भी टाउनशिप बनाई जा सकती है.
गृह मंत्रालय के अधिकारी ने बताया, 'हमारी घाटी में तीन-चार टाउनशिप बनाने की योजना है. लेकिन अभी सब कुछ शुरुआती स्तर पर है. योजना पर आगे बढ़ने के लिए राज्य सरकार को पहले जमीन का अधिग्रहण करना होगा.'