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कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर श्रीनगर में भारी पत्थरबाजी, यासीन मलिक हिरासत में

कश्मीरी पंडितों की घरवापसी के खिलाफ श्रीनगर के लाल चौक में अलगाववादी नेताओं की अगुवाई में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ. अलगाववादी नेता यासीन मलिक के समर्थकों ने जवानों पर पत्थरबाजी की. हिंसक प्रदर्शन के लिए अलगाववादी नेता यासीन मलिक को हिरासत में ले लिया गया है.

Yaseen Malik Yaseen Malik
aajtak.in
  • श्रीनगर,
  • 10 अप्रैल 2015,
  • अपडेटेड 7:25 PM IST

कश्मीरी पंडितों की 'घर वापसी' के खिलाफ श्रीनगर के लाल चौक में अलगाववादी नेताओं की अगुवाई में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ. शुक्रवार को अलगाववादी नेता यासीन मलिक के समर्थकों ने जवानों पर पत्थरबाजी की. हालात पर काबू पाने के लिए सुरक्षा बलों को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. हिंसक प्रदर्शन के लिए अलगाववादी नेता यासीन मलिक को हिरासत में ले लिया गया है.

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गौरतलब है कि कश्मीरी पंडितों के लिए टाउनशिप बनाने की केंद्र सरकार की योजना पर मतभेद हैं.  कश्मीरी पंडितों के लिए अलग बस्ती बनाए जाने के खिलाफ शुक्रवार को अलगाववादियों ने कश्मीर बंद का ऐलान किया था.

कश्मीरी पंडितों की 'घर वापसी' को लेकर केंद्र सरकार खास टाउनशिप बनाना चाहती है. मुफ्ती सरकार ने भी अपनी सहमति जताई थी. लेकिन विधानसभा में मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद मुकर गए. मुफ्ती ने कहा कि घाटी में किसी के लिए अलग रहने के लिए कोई व्यवस्था नहीं होगी. सभी संप्रदाय के लोग समाज में साथ ही रहेंगे. कश्मीरी पंडित मुस्लिमों के साथ रहेंगे.

अलगाववादी नेता यासीन मलिक ने कहा कि कश्मीरी पंडित वापस लौटें और हम सब के साथ रहें. अलग से टाउनशिप में रहना सही नहीं है.

24 घंटे में बयान से मुकरे मुफ्ती
टाउनशिप को लेकर मुख्यमंत्री मुफ्ती 24 घंटे में ही बयान से मुकर गए. 7 अप्रैल को राजनाथ सिंह से हुई मुलाकात के बाद सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि केंद्रीय गृहमंत्री ने कश्मीरी पंडितों के लिए टाउनशिप बनाने के लिए जमीन मांगी. मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद ने जल्द से जल्द जमीन मुहैया कराने का भरोसा दिया. लेकिन इसके 24 घंटे के भीतर ही मुफ्ती अपने बयान से पलट गए.

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7 लाख कश्मीरी पंडितों को छोड़ना पड़ा था घर
90 के दशक में कश्मीर में आतंक की आग कुछ ऐसी दहकी कि करीब 7 लाख कश्मीरी पंडितों को घर बार छोड़कर कहीं और शरण लेने पर मजबूर होना पड़ा. अपनी मिट्टी से दूर आज भी ये शरणार्थियों की तरह ही रह रहे हैं. जम्मू-कश्मीर में नई सरकार बनते ही हर बार की तरह इस बार भी उनकी घर वापसी की बातें उठी. लेकिन, एक बार फिर सियासत बवंडर बन कर कश्मीरी पंडितों के सामने खड़ी हो गई.

मोदी सरकार ने किया है 500 करोड़ का इंतजाम
मोदी सरकार ने बजट में इनकी वापसी के लिए पांच सौ करोड़ रुपये का इंतजाम किया है. यही नहीं केंद्र की पहल पर मुफ्ती सरकार ने प्रदेश की सरकारी नौकरियों में 3 हजार अतिरिक्त पदों को हरी झंडी दे दी है.

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