
नगालैंड में बीजेपी इस बार नवगठित नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) के साथ गठबंधन कर चुनावी अखाड़े में उतरी. दोनों ने क्रमश: 20 और 40 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. सीवी वोटर के सर्वे में भाजपा-एनडीपीपी गठबंधन की सरकार बनने के आसार बताए गए हैं.
सर्वे में नगालैंड में भी भारतीय जनता पार्टी आगे नजर आ रही है. राज्य की 60 में से 59 सीटों पर 27 फरवरी को वोटिंग हुई है. यहां भी बीजेपी विरोधियों को पछाड़ती दिखाई दे रही है. BJP-NDPP गठबंधन को 27 से 32 सीटों का अनुमान है, जबकि सत्तारूढ़ NPF को 20 से 25 सीटें और कांग्रेस को सिर्फ 2 सीटों का अनुमान है.
नगालैंड में हुए मतदान के दिन शुरुआत में ही नगालैंड में चुनाव के दौरान हिंसा शुरू हो गई. पोलिंग पार्टियों पर हमले किए गए. वोटिंग से पहले मंगलवार को नगालैंड के मुख्यमंत्री टीआर जेलियांग ने कहा था कि हम उम्मीद करते हैं कि चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न होगा और हमको स्पष्ट बहुमत हासिल होगा, जबकि वोटिंग के दौरान नगालैंड के तिजित टाउन विधानसभा क्षेत्र के एक मतदान केंद्र में धमाका हो गया था. तिजित जिले के एक मतदान केंद्र पर हुए देसी बम धमाके में एक व्यक्ति घायल हो गया था.
नगालैंड में विधानसभा की 60 सीटें हैं. नगालैंड में एनडीपीपी प्रमुख नीफियू रियो को उत्तरी अंगामी द्वितीय विधानसभा सीट से निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया जा चुका है.
नगालैंड में बीजेपी नीफियू रियो की नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) के साथ चुनावी वैतरणी पार लगाने की उम्मीद में है. दोनों गठबंधन भागीदारों में से एनडीपीपी ने 40 और बीजेपी ने बाकी 20 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं. साल 1963 में नगालैंड के अस्तित्व में आने के बाद कांग्रेस ने तीन मुख्यमंत्री दिए. लेकिन वह अब केवल 18 सीटों पर लड़ रही है, जबकि बीजेपी यहां 20 सीटों पर खड़ी है. फिलहाल यहां नगा पीपुल्स फ्रंट की सरकार है.
पिछले चुनाव (2013) में एनपीएफ को 38, कांग्रेस को 8, बीजेपी को 1, एनसीपी को 4 सीटें मिली थीं. जबकि 8 निर्दलीय प्रत्याशी जीतकर आए थे.