
एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में अल्पसंख्यक मामले की केंद्रीय मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने मंगलवार शाम मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया. केंद्रीय कैबिनेट में वह सबसे उम्रदराज मंत्री थीं. वह 75 साल पार कर चुके मंत्रियों में शामिल थीं.
मुख्तार अब्बास नकवी का प्रमोशन
वहीं उनके सहयोगी मुख्तार अब्बास नकवी को प्रमोशन मिला और उन्हें अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का राज्य मंत्री का स्वतंत्र प्रभार दिया गया है. राष्ट्रपति भवन से मिली जानकारी में इसकी पुष्टि की गई है.
कैबिनेट फेरबदल के दिन विदेश में थीं नजमा
नजमा हेपतुल्ला कैबिनेट फेरबदल के दिन विदेश में होने की वजह से इस्तीफा नहीं दे पाई थीं. शहरी विकास राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो का मंत्रालय बदल दिया गया है. उन्हें शहरी विकास से हटाकर भारी उद्योग मंत्रालय में भेजा गया है.
'सबका साथ सबका विकास' के लिए करती रहेंगी कोशिश
इस्तीफे के बाद नजमा हेपतुल्ला ने कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से पद छोड़ा है. उन्होंने कैबिनेट में शामिल किए जाने के लिए पीएम मोदी का शक्रिया अदा करते हुए कहा कि मैं जब तक पद पर रही तब तक काफी सीखा और 'सबका साथ सबका विकास' से जुड़ी उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश की.
मंगलवार सुबह शाह से मिली थीं नजमा हेपतुल्ला
हेपतुल्ला ने कहा कि वह आगे भी पार्टी की ओर से दी जाने वाली जिम्मेदारियों के लिए तैयार रहेंगी. वहीं सूत्रों के मुताबिक उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के कहने पर पद से इस्तीफा दिया है. शाह ने मंगलवार सुबह उन्हें मिलने बुलाया था.
सिद्धेश्वरा ने इस्तीफे देने के लिए ली थी मोहलत
राज्य मंत्री बनाए गए कर्नाटक से सांसद जीएम सिद्धेश्वरा ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया. बीते सप्ताह मंगलवार को कैबिनेट फेरबदल में जिन छह मंत्रियों का इस्तीफा होना था, उनमें सिद्धेश्वरा का नाम भी शामिल था.
पांच मंत्रियों ने तो उस दिन ही इस्तीफा दे दिया था, लेकिन उस दिन सिद्धेश्वरा का जन्मदिन था और अपने संसदीय क्षेत्र में उन्होंने एक बड़ी रैली की थी. इसलिए उन्होंने इस्तीफा देने के लिए आलाकमान से कुछ वक्त मांगा था.