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नालासोपारा हथियार केस: सनातन संस्था से जुड़े प्रताप हाजरा की हिरासत 3 फरवरी तक बढ़ी

अभियोजन पक्ष ने कोर्ट से हाजरा की रिमांड अवधि बढ़ाने की मांग की जिससे कि हाजरा के मोबाइल से मिले डेटा को खंगाला जा सके. साथ ही अभियोजन ने कोर्ट से ये भी कहा कि हाजरा का फंडिंग का जरिया जानने के लिए उसके बैंक खातों की जानकारी भी हासिल करनी है.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
दिव्येश सिंह
  • मुंबई,
  • 31 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 7:23 PM IST

  • हाजरा ने कहा- 'महाराष्ट्र ATS ने हिरासत में हमला किया'
  • शारीरिक निरीक्षण के बाद कोर्ट ने खारिज किया आरोप

नालासोपारा हथियार बरामदगी केस में अभियुक्त और सनातन संस्था से जुड़े प्रताप हाजरा ने आरोप लगाया है कि उस पर हिरासत के दौरान महाराष्ट्र ATS ( एंटी टेरेरिज्म स्क्वॉड) के अधिकारियों ने हमला किया. हाजरा ने गुरुवार को कोर्ट में पेश किए जाने के दौरान ये आरोप लगाया. अभियोजन के मुताबिक हाजरा ही वो शख्स है जिसने अन्य अभियुक्तों को हथियार और बम बनाने की ट्रेनिंग दी.  

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कोर्ट ने हमले के आरोप को किया खारिज

हाजरा के आरोप पर कोर्ट ने उसका निरीक्षण करने का आदेश दिया जिससे पता लगाया जा सके कि उसके शरीर पर कोई निशान है जैसे कि वो दावा कर रहा है. हाजरा को कोर्ट अधिकारियों के साथ भेजा गया. इन अधिकारियों ने बताया कि उसके शरीर पर ऐसा कोई निशान नहीं मिला.

कोर्ट ने हाजरा के कोर्ट अधिकारियों की ओर से शारीरिक निरीक्षण के बाद उस पर हिरासत में हमले के आरोप को खारिज कर दिया. हाजरा की हिरासत की अवधि 3 फरवरी तक बढ़ा दी गई. 

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इससे पहले अभियोजन पक्ष ने कोर्ट से हाजरा की रिमांड अवधि बढ़ाने की मांग की जिससे कि हाजरा के मोबाइल से मिले डेटा को खंगाला जा सके. साथ ही अभियोजन ने कोर्ट से ये भी कहा कि हाजरा का फंडिंग का जरिया जानने के लिए उसके बैंक खातों की जानकारी भी हासिल करनी है. अभियोजन के मुताबिक ये शक़ है कि हाजरा को ट्रेनिंग देने के लिए पैसे का भुगतान किया गया. अभियोजन ने ये भी कहा कि हाजरा के साथ एक और भी शख्स था जो फरार है.  

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हाजरा के वकील संजीव पुनालेकर ने दलील दी कि हाजरा को हिरासत में पीटा गया. वकील ने ATS की ओर से हाजरा की हिरासत की अवधि बढ़ाने की मांग का विरोध किया. वकील ने कहा कि CDR (कॉल डिटेल्स रिकॉर्ड्स) जानकारी और बैंक खातों में लेनदेन का पता लगाने के लिए हाजरा की हिरासत बढ़ाने की जरूरत नहीं है. 

बता दें कि प्रताप जुदिष्ठर उर्फ प्रताप हाजरा (34 वर्ष) को 20 जनवरी को पश्चिम बंगाल से पकड़ा गया था. हाजरा के खिलाफ 10 अगस्त 2018 को महाराष्ट्र एटीएस ने केस दर्ज किया था. तभी से एटीएस को उसकी तलाश थी. हाजरा को पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में उश्ती से गिरफ्तार किया गया था. उसे पिछले हफ्ते गुरुवार को मुंबई लाया गया. इस केस में महाराष्ट्र एटीएस की ओर से करीब 12 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं जिनका संबंध कट्टर दक्षिणपंथी संगठन सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति संस्था से था.

हाजरा है मास्टरमाइंड?

हाजरा को मास्टरमाइंड बताया जाता है जिसने अभियोजन के मुताबिक गिरफ्तार किए गए 12 अभियुक्तों को बम बनाने के लिए ट्रेंड किया. महाराष्ट्र एटीएस ने राज्य के विभिन्न ठिकानों से 23 जीवित देसी बम, 15 पिस्तौल, एक देसी हथियार, एक अधूरा तैयार देसी हथियार, बैरल के बिना तीन पिस्तौल, 10 पिस्तौल बैरल, 6 पिस्तौल मैगजीन, तीन अधूरी पिस्तौल मैगजीन, 7 पिस्तौल स्लाइड्स, 41 लाइव राउंड गोलाबारूद, 26 इलेक्ट्रोनिक और गैर इलेकट्रोनिक डेटोनेटर्स, हथियार और देसी बम बनाने का अन्य सामान, कुछ सीडी ड्राइव, पेन ड्राइव, मेमोरी कार्ड्स, हार्ड डिस्क, वाहनों की आठ नंबर प्लेट, कुछ पाकेट डायरी और नोटबुक बरामद की थी.

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अभियोजन के मुताबिक हाजरा पुणे में 2017 में हुए सनबर्न फेस्टिवल में आतंकी हमला करने की साजिश का हिस्सा था. कट्टरपंथी ग्रुप कल्याण और बेलागवी में उन थिएटरों पर बम फेंकने में भी शामिल था, जहां फिल्म 'पद्मावत' की स्क्रीनिंग हो रही थी.  

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एटीएस ने 12 अभियुक्तों के खिलाफ दिसंबर 2018 में चार्जशीट दाखिल की. इन अभियुक्तों के नाम हैं- शरद कालास्कर (25), वैभव राउत (44), सुधानवा गोंडलेकर (39), श्रीकांत पांगारकर (40), अविनाश पवार (30), लीलाधर उखीरडे (32), वासुदेव सूर्यवंशी (19), सुचित रंगास्वामी (37), भारत कुर्ने (37), अमोल काले (34), अमित बड्डी (27) और गणेश मिस्कीन (28).

ये चार्जशीट विस्फोटक पदार्थ एक्ट, गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) एक्ट, आर्म्स एक्ट और महाराष्ट्र पुलिस एक्ट के तहत दाखिल की गई. वहीं हाजरा का नाम चार्जशीट में वांटेड के तौर पर दिखाया गया.

चार्जशीट में कहा गया कि उस ग्रुप ने आतंकी सेल बनाने के लिए साजिश रची जिसकी विचारधारा हिन्दू राष्ट्र के गठन से जुड़ी है. चार्जशीट में कहा गया है कि इस ग्रुप ने देसी पिस्तौल, देसी बम बना कर उन लोगों को निशाना बनाने की योजना बनाई जो उनके हिसाब से हिन्दू धर्म, उसकी परम्पराओं के खिलाफ लिखते, बोलते या कोई गतिविधि करते हैं या आम लोगों को आतंकित करते हैं.

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चार्जशीट में क्या कहा गया?

चार्जशीट में कहा गया कि गिरफ्तार अभियुक्तों में शामिल शरद कालास्कर शूटर है जिसने तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर की 2013 में पुणे में हत्या की. अभियुक्तों में गणेश मिस्कीन और अमित बड्डी को पत्रकार गौरी लंकेश, तर्कवादी गोविंद पनसारे और कर्नाटक के स्कॉलर एमएम कलबुर्गी की हत्याओं से जुड़े केसों में नामजद किया गया.  

पुणे में सनबर्न फेस्टिवल में बम हमले की साजिश इसलिए नाकाम हो गई क्योंकि बम प्लांट करने वाला एक शख्स वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया. चार्शीट में कहा गया है कि सभी अभियुक्तों में 'क्षत्र धर्म साधना' किताब के जरिए ग्रुप की विचारधारा भरी गई. इस किताब का प्रकाशन सनातन संस्था नाम के संगठन ने किया. ये संगठन उन तर्कवादियों और विद्वानों को निशाना बनाता था जो उसकी समझ से हिन्दू राष्ट्र के गठन के खिलाफ हैं.  

हाजरा से सीबीआई, कर्नाटक एसआईटी और महाराष्ट्र एसआईटी जैसी एजेंसियां पूछताछ कर सकती हैं. सीबीआई दाभोलकर मर्डर केस, कर्नाटक एसआईटी लंकेश और कलबुर्गी मर्डर केस और महाराष्ट्र एसआईटी पनसारे मर्डर केस की जांच कर रही हैं. एटीएस ने कोलकाता एसटीएफ और पश्चिम बंगाल के साथ मिलकर हाजरा को गिरफ्तार करने मे कामयाबी पाई.

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